Muizzu in India: भारत-मालदीव कड़वाहट पर 'मोदी पॉलिटिक्स' की चाशनी.. अब 'शिष्टाचार' दिखाने की मोइज्जू की बारी
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Muizzu in India: भारत-मालदीव कड़वाहट पर 'मोदी पॉलिटिक्स' की चाशनी.. अब 'शिष्टाचार' दिखाने की मोइज्जू की बारी

Modi-Muizzu Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंचे मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू अपने देश वापस लौट गए. उनके दिल्ली दौरे ने बीते कुछ महीनों में भारत-मालदीव रिश्तों की कड़वाहट को कुछ कम जरूर किया.

Muizzu in India: भारत-मालदीव कड़वाहट पर 'मोदी पॉलिटिक्स' की चाशनी.. अब 'शिष्टाचार' दिखाने की मोइज्जू की बारी

Modi-Muizzu Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंचे मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू अपने देश वापस लौट गए. उनके दिल्ली दौरे ने बीते कुछ महीनों में भारत-मालदीव रिश्तों की कड़वाहट को कुछ कम जरूर किया. मगर संबंधों को बेहतर बनाने की कथनी के बाद अब करनी की गेंद उनके पाले में है. 

मोइज्जू के नाम पर पीएम मोदी ने लगाई मुहर!

सूत्रों के मुताबिक शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित विदेशी मेहमानों के नाम पर विचार हुआ तो पीएम मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति मोइज्जू पर बेझिझक मुहर लगाई. हालांकि इस मामले में अधिकारियों की तरफ से हालिया रिश्तों का हवाला दिया गया. लेकिन एक बड़े लोकतांत्रिक देश और भारत के बड़प्पन की परंपरा को बढ़ाते हुए न केवल मोइज्जू को पीएम ने आमंत्रित किया बल्कि राष्ट्रपति की तरफ से दिए गए रात्रिभोज में उन्हें अपने ठीक पास की कुर्सी पर बैठाया भी. 

शिष्टाचार भेंट से ज्यादा कुछ नहीं..

सूत्रों के मुताबिक शपथ ग्रहण कायर्क्रम और रात्रिभोज के बीच करीब 20 मिनट के दौरान पीएम मोदी बारी-बारी सभी विदेशी नेताओं से मिले भी और उनके साथ फोटो भी खिंचवाई. हालांकि जानकार सूत्रों के मुताबिक मोइज्जू समेत मेहमान नेताओं के साथ अलग-अलग हुई पीएम मोदी की मुलाकात बमुश्किल 5 मिनट की थी. इसमें सामान्य शिष्टाचार भेंट से ज्यादा कुछ नहीं था.

मोइज्जू की अकड़ पड़ेगी ढीली?

इस बीच राजनयिक गलियारों में इस बात पर नजर जरूर रखी जा रही है कि माले पहुंचने के बाद मोइज्जू भारत के प्रति अपनी सरकार के रवैये को कितना बदलते हैं. भारत के खिलाफ इंडिया-आउट जैसा अभियान चलाकर सत्ता में आए मोइज्जू भारत से अकड़ते और चीन की तरफ झुकते कई बार नजर आए हैं. इतना ही नहीं मानवीय सहायता मिशन में मदद के लिए तैनात भारतीय सैन्य टीम को भी उन्होंने मार्च 2024 में लौटा दिया था. 

भारत ने सिखाया था सबक

हालांकि भारत के साथ खराब रिश्तों का खामियाजा मालदीव को भी उठाना पड़ा है. भारत से मालदीव जाने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आई है. मई 2024 में आए आंकड़ों के मुताबिक भारतीय पर्यटकों की संख्या मालदीव में जनवरी 2024 से अब तक करीब 42% घटी है. इसने पर्यटन पर चलने वाली मालदीव की अर्थव्यवस्था को बड़ा चूना लगाया है. ऐसे में राष्ट्रपति मोइज्जू ने अपने पर्यटन मंत्री इब्राहिम फैसल को भी एक महीने पहले भारत भेजा था. मई 2024 में दिल्ली आए फैसल ने भारत के लोगों से मालदीव आने और पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद भी मांगी थी.

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