Hurricane Milton America: अमेरिका के कई इलाके में पिछले कुछ दिनों से चक्रवात मिल्टन का खौफ जारी है. इस तूफान को अब तक का सबसे विनाशकारी तूफान माना जा रहा है. तूफान ने सबसे पहले 9 अक्टूबर की रात सिएस्ता की के पास दस्तक दी.
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Hurricane Milton America: अमेरिका के कई इलाके में पिछले कुछ दिनों से चक्रवात मिल्टन का खौफ जारी है. इस तूफान को अब तक का सबसे विनाशकारी तूफान माना जा रहा है. तूफान ने सबसे पहले 9 अक्टूबर की रात सिएस्ता की के पास दस्तक दी. अब ये तूफान 285 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाओं के साथ कहर मचा रहा है. वर्तमान में मिल्टन तूफान से अमेरिका का फ्लोरिडा राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित है. तूफान का यह भीषण रूप फ्लोरिडा के कई इलाकों में देखा जा रहा है.
सदी का सबसे भयानक तूफान
मिल्टन की ताकत इतनी अधिक थी कि इसके प्रभाव से फ्लोरिडा के कई बड़े शहरों में अंधेरा छा गया. पेड़, खंभे, गाड़ियां और घर इस कदर प्रभावित हुए कि उन्हें देख कर यकीन करना मुश्किल था. तूफान की श्रेणी 3 थी, जो यह बताती है कि इसके कारण भारी नुकसान होने की संभावना थी. इस श्रेणी के तूफान में हवाओं की रफ्तार 178 से 208 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है.
हवाओं की रफ्तार 285 किमी/घंटा तक रिकॉर्ड की गई
लेकिन मिल्टन के साथ हवाओं की रफ्तार 285 किमी/घंटा तक रिकॉर्ड की गई. जिससे इसने विनाशकारी असर छोड़ा. चक्रवात के चलते फ्लोरिडा के सड़क पर जगह-जगह पेड़ गिर गए, बिजली के खंभे उखड़ गए और पूरी सड़क पर मलबा बिछ गया. तूफान के साथ तेज बारिश और बवंडर भी आए, जिससे स्थिति और भी विकट हो गई.
10 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा गया
अमेरिका की नेशनल वेदर सर्विस ने पहले ही दक्षिण फ्लोरिडा में तूफान के खतरे को लेकर वॉर्निंग जारी कर दी थी और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी थी. प्रशासन ने करीब 10 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा और तटवर्ती क्षेत्रों को खाली करवा लिया. इसके साथ ही फ्लोरिडा के बड़े शहरों में दर्जनों फ्लाइटों को रद्द कर दिया गया और 2,000 से ज्यादा उड़ानें प्रभावित हो गईं.
राष्ट्रपति जो बाइडन की यात्रा स्थगित
तूफान के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की जर्मनी और अंगोला की निर्धारित यात्रा को भी स्थगित करना पड़ा. यह यात्रा 10 से 15 अक्टूबर के बीच होने वाली थी. लेकिन तूफान के कारण सुरक्षा कारणों से इसे टाल दिया गया. प्रशासन ने आपातकालीन प्रबंधन व्यवस्था को भी सक्रिय कर दिया है ताकि तूफान के बाद के नुकसान को कम से कम किया जा सके. प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता पहुंचाई जा सके.
मिल्टन के साथ आए बवंडर और तेज हवाएं
तूफान के दौरान कई जगहों पर बवंडर भी देखे गए जिससे काफी नुकसान भी हुआ. कई रिहायशी इलाकों में ये बवंडर घरों तक पहुंचे और पेड़ गिरने के कारण लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. कुछ इलाकों में तेज हवाओं के चलते घरों की बालकनी तक उड़कर चली गईं, और गाड़ियां पूरी तरह से नष्ट हो गईं. एक ऑफिस में गाड़ियों पर भारी टीन शेड गिरने से कई गाड़ियों का पूरी तरह से मलबा बन गया. इन दृश्यों से हर कोई भयभीत है. प्रशासन ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए थे. लेकिन नुकसान इतना व्यापक था कि स्थिति को नियंत्रण में लाने में समय लग रहा है.
तूफान की प्रकृति और इसका प्रभाव
हरिकेन या चक्रवात, एक विशाल और शक्तिशाली तूफान होते हैं. ये तूफान गर्म पानी से उत्पन्न होते हैं और इससे भारी बारिश, तेज हवाएं और बवंडर जैसी स्थितियां उत्पन्न होती हैं. यह तूफान आम तौर पर उत्तर अटलांटिक महासागर से उत्पन्न होता है और इसका असर अमेरिका के पूर्वी तट के साथ-साथ कैरेबियाई देशों पर भी पड़ता है. हरिकेन की ताकत और रफ्तार मौसम के तापमान और समुद्र की स्थितियों पर निर्भर करती है. मिल्टन की रफ्तार 74 से 300 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है जैसा कि पिछले कुछ दिनों में देखा भी गया.
10 दिनों में दूसरा विनाशकारी तूफान
मिल्टन इस साल का दूसरा सबसे बड़ा तूफान है. हैरान करने वाली बातय है कि विनाशकारी तूफान केवल 10 दिन के अंदर अमेरिका में आया है. इससे पहले भी फ्लोरिडा के कुछ हिस्सों में एक अन्य तूफान आया था, जिससे भारी नुकसान हुआ था. इन तूफानों ने फ्लोरिडा को एक बार फिर से याद दिलाया है कि समुद्र और मौसम की शक्तियां कितनी भयानक हो सकती हैं. इसके साथ ही तूफान के प्रभावों से निपटने के लिए समय रहते तैयार रहना कितना जरूरी है.
2000 से अधिक उड़ानें रद्द
मिल्टन तूफान ने फ्लोरिडा के कई शहरों को चपेट में लिया और वहां के लोगों की जिंदगी पर गहरा असर डाला. तूफान के कारण 2000 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं. तटीय इलाकों को खाली करवा दिया गया और प्रशासन ने आपातकालीन योजनाएं तैयार कीं. हालांकि, तूफान के खतरे का असर अब भी जारी है. लेकिन उम्मीद की जा रही है कि धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य हो जाएंगी. इस तूफान ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि जलवायु परिवर्तन और तूफानों के बढ़ते प्रभाव से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर गंभीर प्रयास किए जाने की जरूरत है.