दुनिया में अब 'मंकीपॉक्स' का खतरा, जान लीजिए इसके लक्षण और असर
Advertisement

दुनिया में अब 'मंकीपॉक्स' का खतरा, जान लीजिए इसके लक्षण और असर

हाल में 2017 में नाइजीरिया में इसके लक्षण दिखे. अब कहा जा रहा है कि नाइजीरिया से होते हुए ही ये किसी मरीज से इंग्लैंड पहुंची है.

Photo : Universal Images Group Editorial

लंदन : दुनिया में अब एक और दुर्लभ बीमारी मंकीपॉक्स का खतरा मंडरा रहा है. पिछले कुछ दिनों में इंग्लैंड में ही इसके 3 केस मिल चुके हैं. आमतौर पर ये बीमारी बंदरों और चूहों में पाई जाती है. लेकिन इन्हीं से ये बीमारी मनुष्यों में फैलती है. सबसे पहले ये बीमारी 2003 में अमेरिका में देखी गई थी. तब ये बड़े गेंबियन चूहे में पाई गई थी. हाल में 2017 में नाइजीरिया में इसके लक्षण दिखे. अब कहा जा रहा है कि नाइजीरिया से होते हुए ही ये किसी मरीज से इंग्लैंड पहुंची है.

इंग्लैंड में अब तक तीन लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मंकीपॉक्स मुख्यत: मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में पाया जाता है. नाइजीरिया में इसका असर 2017 में सबसे ज्यादा दिखाई दिया था.

fallback
बच्चों में इस बीमारी का असर बहुत घातक होता है. फोटो : रॉयटर्स

ये होते हैं लक्षण...
मंकीपॉक्स में मरीज को तेज बुखार आता है. इसके अलावा सिरदर्द होता है. शरीर में सूजन आ जाती है. मशल्स में खिंचाव होता है. इससे पीड़ित लोगों को पहले पांच दिन एनर्जी काफी कम होती है. बुखार आने के बाद एक तीन दिन में लाल चकत्ते आ जाते हैं. इसकी शुरुआत चेहरे से होती है. बाद में ये पूरे शरीर पर आ जाते हैं. ये लाल चकत्ते बाद में घाव का रूप ले लेते हैं. इसके लक्षण दो से तीन सप्ताह तक रहते हैं.

क्या है इसका इलाज...
अब तक इस बीमारी का कोई टीका या उपचार नहीं बना है. लंदन में रॉयल फ्री हॉस्पिटल के डॉक्टर माइकल जैकब के अनुसार, मंकीपॉक्स के ज्यादातर केस में ये अपनी कुछ हफ्तों बाद खुद ही ठीक हो जाती है. हालांकि अगर ये ज्यादा गंभीर रूप ले ले तो परिणाम भयंकर होते हैं. बच्चों में इस बीमारी के काफी विपरीत परिणाम होते हैं.बच्चों के कई केस में मौत भी हो सकती है.

Trending news