पूरी दुनिया में कोरोना वायरस को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है.
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वाशिंगटन: दुनियाभर में कोरोना (Coronavirus) का कहर बढ़ता जा रहा है. अमेरिका (US) में पिछले 24 घंटों में 100 लोगों की मौत हो गई है. वहीं इटली ( Italy) में 651 और मरीजों ने दम तोड़ दिया है. इटली में मृतकों की संख्या 5500 के करीब पहुंच गई है.
अमेरिका में कोरोना के अब तक 33,703 मामले सामने आए हैं. अब तक 409 लोगों की मौत हो चुकी है. अमेरिका के सात राज्यों ने लोगों से अपने घरों में रहने को कहा है.
दुनियाभर में यह बीमारी अब तक 14, 437 लोगों की जान ले चुकी है जबकि इसके अब तक 335,157 मामले सामने आए हैं.
नवंबर में था इटली में कोरोना का मरीज!
हाल ही में इटली के प्रसिद्ध चिकित्सा विशेषज्ञ गियूसेप्पे रेमुज्जी ने अमेरिकी मीडिया को इंटरव्यू देते समय कहा कि कोविड-19 का संदिग्ध वायरस शायद पिछले वर्ष के नवंबर व दिसंबर में इटली में मौजूद था. गौरतलब है कि गियूसेप्पे इटली यहां तक कि पूरे यूरोप में प्रसिद्ध मारियो नेगरी फार्माकोलॉजी अनुसंधान प्रतिष्ठान के अध्यक्ष हैं. अमेरिकी राष्ट्रीय सार्वजनिक रेडियो ने 19 मार्च को अपनी वेबसाइट पर उनका इंटरव्यू जारी किया.
कार्यक्रम में जब होस्ट ने गियूसेप्पे से पूछा कि क्यों 21 फरवरी को महामारी के प्रकोप में इटली ने कुछ भी तैयारी नहीं की? तो गियूसेप्पे ने जवाब दिया कि उन्हें अभी सामान्य चिकित्सकों से यह ताजा खबर मिली कि उन चिकित्सकों की याद में पिछले साल के नवंबर व दिसंबर में उन्हें बुजुर्गो में अजीब निमोनिया के लक्षण दिखे. रोगियों की स्थिति बहुत गंभीर थी. इसे जाहिर होता है कि शायद चीन में महामारी के प्रकोप से पहले यह वायरस लोम्बार्डी क्षेत्र में फैलने लगा था.
गियूसेप्पे ने 11 मार्च को प्रसिद्ध चिकित्सा पत्रिका द लांसेट में एक लेख जारी किया. उन का अनुमान था कि 11 मार्च के बाद चार हफ्तों में इटली में संक्रामक रोगियों की संख्या शायद 40 हजार से अधिक पहुंच जाएगी. साथ ही और चार हजार आईसीयू बेड की जरूरत होगी.