मुंबई हमला: पाक अदालत ने नौका की जांच के अनुरोध पर फैसला सुरक्षित रखा
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मुंबई हमला: पाक अदालत ने नौका की जांच के अनुरोध पर फैसला सुरक्षित रखा

वर्ष 2008 के मुंबई हमला मामले की सुनवाई कर रही पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने आज (बुधवार) भारतीय तट तक पहुंचने के लिए लश्कर ए तैयबा के दस आतंकवादियों द्वारा प्रयोग की गई नौका की जांच के लिए एक आयोग बनाने के अभियोजन के अनुरोध पर अपना फैसला सुरक्षित रखा।

इस्लामाबाद : वर्ष 2008 के मुंबई हमला मामले की सुनवाई कर रही पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने आज (बुधवार) भारतीय तट तक पहुंचने के लिए लश्कर ए तैयबा के दस आतंकवादियों द्वारा प्रयोग की गई नौका की जांच के लिए एक आयोग बनाने के अभियोजन के अनुरोध पर अपना फैसला सुरक्षित रखा।

तेइस दिसंबर को अंतिम सुनवाई में अभियोजन ने आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) के सामने एक आवेदन दायर करके लश्कर ए तैयबा के आतंकवादियों द्वारा प्रयुक्त नौका ‘अल फौज’ की जांच के लिए आयोग गठित करने का अनुरोध किया था ताकि नौका को मामला में सुबूत बनाया जा सके।

अदालत के एक अधिकारी ने सुनवाई के बाद कहा, ‘आज एटीसी ने आदियाला जेल रावलपिंडी में सुनवाई की। अभियोजन और बचाव पक्ष दोनों ने इस मामले में अपनी दलीलें पेश कीं और अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा।’ उन्होंने कहा, ‘अदालत अगली सुनवाई से पहले अपना फैसला सुना सकती है।’ अदालत ने सुनवाई 13 जनवरी तक स्थगित की।

‘अल फौज’ कराची में पाकिस्तानी अधिकारियों के कब्जे में है। कराची से ही दस आतंकवादी एके 47 राइफलें और हथगोले लेकर वर्ष 2008 में मुंबई हमले को अंजाम देने के लिए भारत रवाना हुए थे।

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