आतंकवाद के समर्थकों एवं कर्ता-धर्ताओं से निबटा जाना चाहिए : अफगानिस्तान
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आतंकवाद के समर्थकों एवं कर्ता-धर्ताओं से निबटा जाना चाहिए : अफगानिस्तान

अफगानिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से उन तत्वों से निबटने का आह्वान किया है जो उसकी सीमा के पार से हमला करते हैं तथा उसने पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के समर्थकों की नागरिकों को निशाना बनाने की कायराना हरकत को लेकर निंदा की।

संयुक्त राष्ट्र : अफगानिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से उन तत्वों से निबटने का आह्वान किया है जो उसकी सीमा के पार से हमला करते हैं तथा उसने पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के समर्थकों की नागरिकों को निशाना बनाने की कायराना हरकत को लेकर निंदा की।

संयुक्त राष्ट्र में अफगान दूत मोहम्मद सैकाल ने सुरक्षा परिषद की बहस में कहा कि दुनियाभर में हिंसक कट्टरपंथ और आतंकवाद का बढ़ना इस बात का सबूत है कि आतंकवाद निरोधक प्रयासों की वर्तमान गति खतरे की भयावहता की तुलना में कम है।’ उन्होंने कहा, ‘जहां तक अफगानिस्तान का अनुभव है तो वर्तमान प्रयास बिखरे, धीमे और कई बार गतिहीन हैं तथा जिस तरह से वैश्विक आतंकवाद का रंगरूप बदल रहा है, उसकी तुलना में वे उसे परास्त करने में नाकाबिल साबित हो रहे हैं।’ 

पुलिस रंगरूटों, नागरिक प्रदर्शनों, विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों पर हाल के हमलों का हवाला देते हुए सैकाल ने कहा कि घने शहरी केंद्रों पर असभ्य हमलों ने आतंकवादी संगठनों एवं उनके समर्थकों की कायराना हरकतों को दर्शाया है। सैकाल ने कहा कि अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अगस्त में पाकिस्तान के सेना प्रमुख से भेंट की थी और उनसे काबुल में अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ अफगानिस्तान पर हमले के षडयंत्रकारियों के खिलाफ गंभीर कदम उठाने की मांग की थी।

उन्होंने कहा, ‘हमारे पास इस बात के सबूत हैं कि ज्यादातर हमले अफगानिस्तान के बाहर से कराए गए।’ उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते अफगानिस्तान ने 35,700 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट लेकर पाकिस्तान से आ रहे दो ट्रकों को जब्त किया। सैकाल ने कहा, ‘रणनीतिक जरूरत के तहत हमें राग अलापने से आगे बढ़ना चाहिए तथा आतंकवाद के समर्थकों से निबटना चाहिए जिनमें आतंकवाद के फलने-फूलने में सरकारी तत्वों की भूमिका से निबटना भी शामिल है। 

हमें संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक प्रयासों की समीक्षा की जरूरत है ताकि इस बात की पहचान हो सके कि प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों द्वारा ऐसा क्या किया जाना चाहिए ताकि क्रियान्वयन में कमी की पहचान हो और उसे दूर किया जा सके।’

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