China–Nauru Relations: ताइवान के साथ रिश्ते तोड़ने वाले देश को मिला ‘ड्रैगन’ का साथ, बीजिंग ने बहाल किए राजनयिक संबंध
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China–Nauru Relations: ताइवान के साथ रिश्ते तोड़ने वाले देश को मिला ‘ड्रैगन’ का साथ, बीजिंग ने बहाल किए राजनयिक संबंध

China-Taiwan Tension: चीन का मानना ​​है कि ताइवान उसका एक अभिन्न अंग है. बीजिंग पिछले कुछ वर्षों से ताइवान के राजनयिक सहयोगियों को अपनी तरफ करने की कोशिशों में लगा है. 

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China–Nauru Relations: ताइवान के साथ रिश्ते तोड़ने वाले देश को मिला ‘ड्रैगन’ का साथ, बीजिंग ने बहाल किए राजनयिक संबंध

China–Nauru Relations:  चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि बीजिंग ने नाउरू के साथ राजनयिक संबंध बहाल कर लिए हैं. प्रशांत द्वीपीय देश नाउरू ने इसी महीने ताइवान के साथ अपने संबंध खत्म कर दिए थे जिसके बाद चीन ने यह कदम उठाया है.

नाउरू ने ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव के महज दो दिन बाद ही 15 जनवरी को यह घोषणा की थी. गौरतलब है कि चीन इस चुनाव को लेकर बेहद नाराज था. जनता ने आम चुनाव में वोट डालकर डेमोक्रेटिक पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष लाई चिंग-ते को अगले राष्ट्रपति के तौर पर चुना जिन्हें संप्रुभता समर्थक माना जाता है. लाई के चुने जाने से बीजिंग और चिढ़ गया.

नाउरू के इस कदम के बाद ताइवान के अब 12 देशों के साथ राजनयिक संबंध रह गए. हालांकि, अमेरिका, जापान और अन्य देशों के साथ उसके मजबूत अनौपचारिक संबंध हैं.

चीन का ताइवान को लेकर नजरिया
चीन का मानना ​​है कि ताइवान उसका एक अभिन्न अंग है और एक दिन उसका चीन में विलय तय है. बता दें बीजिंग पिछले कुछ वर्षों से ताइवान के राजनयिक सहयोगियों को अपनी तरफ करने की कोशिशों में लगा है. 

ताइवान को घेरने की चीन की कोशिश
चीन ताइवान को डराने, उसकी सैन्य क्षमताओं को थकाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाता है.  ताइवान ने सोमवार को ही कहा कि छह चीनी गुब्बारे द्वीप के ऊपर से या उसके उत्तरी हवाई क्षेत्र से होकर उड़े हैं और क्षेत्र में चीनी युद्धक विमानों और नौसैनिक जहाजों का भी पता चला है.

बता दें यहां अक्सर ऐसे गुब्बारे नजर आते हैं. ये आम तौर पर पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में गायब हो जाते हैं. इन गुब्बारों के उद्देश्यों के बारे में सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है.

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