लंदन: टीपू सुल्तान की वंशज नूर इनायत खान 'ब्लू प्लाक सम्मान' पाने वालीं पहली भारतीय महिला
Advertisement
trendingNow1736751

लंदन: टीपू सुल्तान की वंशज नूर इनायत खान 'ब्लू प्लाक सम्मान' पाने वालीं पहली भारतीय महिला

इतिहासकार श्रावणी बसु (Historian Shravani Basu) ने कहा कि भारतीय मूल की पहली महिला नूर को 'ब्लू प्लाक' (Blue plaque honor) के साथ याद रखा जाएगा जो भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी.

नूर इनायत खान (फाइल फोटो)

लंदन: ब्रिटेन (Britain) की द्वितीय विश्व युद्ध (2nd World War) की जासूस(Spy), नूर इनायत खान (Noor Inayat Khan) शुक्रवार को भारतीय मूल की पहली महिला बनीं जिन्हें मध्य लंदन में उनके पूर्व पारिवारिक घर में स्मारक ‘ब्लू प्लाक’(Blue plaque honor) से सम्मानित किया जाएगा.

  1. टीपू सुल्तान की वंशज और द्वितीय विश्व युद्ध की जासूस थीं नूर 
  2. लंदन में 'स्मारक फलक' पाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला 
  3. स्मारक पट्टिका का अनावरण का प्रसारण सोशल मीडिया पर किया जाएगा

अंडरकवर रेडियो संचालक थीं नूर 
इंग्लिश हैरिटेज (English heritage) धर्मार्थ संगठन द्वारा संचालित ‘ब्लू प्लाक’ योजना प्रख्यात लोगों और संगठनों को सम्मानित करता है जो लंदन में किसी खास भवन से जुड़े होते हैं. खान की पट्टिका ब्लूम्सबरी में 4 टैविटोन स्ट्रीट पर पहुंची जहां वह 1943 में नाजी के कब्जे वाले फ्रांस के लिए रवाना होने से पहले रहती थीं. वह ब्रिटेन के स्पेशल ऑपरेशन्स एक्जिक्यूटिव (SOE) के लिए अंडरकवर रेडियो संचालक के तौर पर वहां गईं थी.

टीपू सुल्तान की वंशज
नूर, भारतीय सूफी संत हजरत इनायत खान (Hazrat Inayat Khan) की बेटी एवं 18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की वंशज थीं जिनकी 1944 में दचाउ यातना शिविर में हत्या कर दी गई थी और उन्होंने कैद करने वालों को किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी थी यहां तक कि अपना असली नाम भी नहीं बताया था. 

बहादुरी का प्रतीक थीं नूर 
इतिहासकार (Historian)एवं ‘स्पाइ प्रिंसेस : द लाइफ ऑफ नूर इनायत खान’ की लेखिका श्रावनी बसु (Shravani Basu) ने कहा, 'जब नूर इनायत खान अपने अंतिम मिशन पर अपना घर छोड़कर रवाना हुईं थीं, तो उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन वह बहादुरी का प्रतीक बन जाएंगी.' बसु ने कहा, 'वह एक असाधारण जासूस थीं. सूफी होने की वजह से वह अहिंसा एवं धार्मिक सौहार्द में यकीन करती थीं.

ये भी पढ़ें- Sushant Suicide Case: जब मीडिया पर भड़कीं रिया चक्रवर्ती, गाड़ी के अंदर से उठा दिया हाथ

सोशल मीडिया पर प्रसारण
बसु ने एक छोटे से समारोह में इस स्मारक पट्टिका का औपचारिक रूप से अनावरण किया जिसका प्रसारण सोशल मीडिया पर किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'यह उचित होगा कि भारतीय मूल की पहली महिला नूर को ब्लू प्लाक के साथ याद रखा जाएगा. इसे देखकर, नूर की कहानी भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. आज की दुनिया में,एकता एवं स्वतंत्रता का उनका दृष्टिकोण पहले से कहीं ज्यादा महत्त्वपूर्ण है.’

बसु नूर इनायत खान मेमोरियल ट्रस्ट (NIKMT) की संस्थापक-अध्यक्ष हैं जिन्होंने 2012 में पास के गोर्डोन स्कॉयर (Gordon Scour) में नूर की प्रतिमा लगाई थी. (इनपुट भाषा)

 

Trending news