Kim Jong Un: उत्तर कोरिया ने की साउथ कोरिया की जासूसी कराने की कोशिश, उठाया ऐसा कदम; सीमा पर बढ़ा तनाव
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Kim Jong Un: उत्तर कोरिया ने की साउथ कोरिया की जासूसी कराने की कोशिश, उठाया ऐसा कदम; सीमा पर बढ़ा तनाव

North Korea South korea Tension: साउथ कोरिया पर अगर नॉर्थ कोरिया ने मिसाइल से हमला किया तो उससे निपटने की भी तैयारी कर ली गई है. इस इलाके में अमेरिकी सेना और साउथ कोरियन आर्मी का बेस है. जहां किम जोंग उन को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए 2 लाख से ज्यादा स्पेशल सैनिक तैयार बैठे हैं.

Kim Jong Un: उत्तर कोरिया ने की साउथ कोरिया की जासूसी कराने की कोशिश, उठाया ऐसा कदम; सीमा पर बढ़ा तनाव

Tension at Korea Border: नॉर्थ कोरिया (North Korea) और साउथ कोरिया (South Korea) के बॉर्डर पर जहां एक तरफ नॉर्थ कोरिया के सैनिक हैं तो वहीं दूसरी तरफ हैं साउथ कोरिया के सैनिक. दोनों देशों के बीच एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है और दोनों देशों के बीच युद्ध का खतरा लगातार बना हुआ है. दरअसल पिछले महीने नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया और अमेरिकी सेना की रक्षा तैयारियों पर नज़र रखने के लिए एक स्पाई मिलट्री सेटेलाइट को लांच किया था. लेकिन उसे ले जाने वाला राकेट आसमान में ही ब्लास्ट कर गया. यही नहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ कोरिया लगातार लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों के साथ-साथ परमाणु हथियारों की संख्या में भी बढ़ोतरी करने में लगा हुआ है ऐसे में पूरी दुनिया को इस बात की भी चिंता है कि अगर दोनों देशों के बीच बढ़ रहे तनाव को रोका नहीं गया तो हालात और भी खराब हो सकते हैं.

सीमा पर बढ़ा तनाव

खबरों के मुताबिक नार्थ कोरिया के संभावित खतरे और हमले को नाकाम करने के लिए साउथ कोरिया के साथ अमेरिकी फौज भी तैनात हैं. पिछले दिनों अमेरिका ने अपने बेड़े के सबसे ताकतवर न्यूक्लियर पावर गाइडेड मिसाइल सबमरीन USS मिशिगन को तैनात कर दिया है. नार्थ कोरिया के हमले से खुद को डिफेंड करने के लिए क्या साउथ कोरिया के पास भी परमाणु हथियार होने चाहिए इसे लेकर साउथ कोरिया सरकार ने अपने लोगों के बीच एक सर्वे कर उनसे राय मांगी जिसमें से ज्यादातर लोगों ने ये कहा कि साउथ कोरिया को परमाणु हथियार विकसित नहीं करनी चाहिए. अगर नॉर्थ कोरिया की तरफ से परमाणु हथियारों से हमला किया गया तो उससे निपटने के लिए साउथ कोरिया ने एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को बार्डर पर तैनात किया हुआ है साथ ही ऐसे हमलों से मिलट्री इंफ्रास्ट्रचर के साथ-साथ कोरियन लोगों को बचाने के लिए खास तैयारियां कर रहा है.

साउथ कोरिया भी है मुस्तैद

साउथ कोरिया की सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी में हाल ही में एक एक्सट्रीम एनवायरमेंट इंपैक्ट लैब बनाई गई है. जिसका मकसद विषम परिस्थितियों में पड़ने वाले High Power Impact की स्टडी करनी है. ब्रिज,वाल या किसी भी डिजाइन में इस्तेमाल होने वाले मैटेरियल की यहां स्टडी की जाती है जिससे पता चल सके कि वो कितना मजबूत है साथ ही माइनस 60 डिग्री से लेकर प्लस 60 डिग्री तक के हालात को वो सह पाने की स्थिति में होंगे या नहीं.

साउथ कोरिया की स्पेशल लैब से ज़ी न्यूज़ की पड़ताल

हालात का जायजा लेने के लिए जी न्यूज़ की टीम साउथ कोरिया पहुंची तो उसकी स्पेशल लैब के असिस्टेंट प्रोफेसर युन हो किम ने बताया कि यह पहली मौका है जब कोरिया में हाई इम्पैक्ट स्टडी के लिए कोई लैब बनाई गई है. यहां पर हर परिस्थिति से निपटने के लिए मजबूत मटेरियल की टेस्टिंग की जाती है. किसी भी मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने से पहले उसमें इस्तेमाल किये जाने वाले मटेरियल की यहां टेस्टिंग की जाती है. उत्तर कोरिया और साउथ कोरिया की सीमा पर डी मिलिट्री राइज्ड जोन है.

समझौते के बावजूद नहीं टला खतरा

एक समझौते के तहत दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए कोरिया की सीमा पर 4 किलोमीटर तक दोनों देशों के सैनिक अपने साथ हथियार लेकर नहीं चल सकते लेकिन इसके बावजूद यहां युद्ध का खतरा हर वक्त मौजूद रहता है. असैन्य क्षेत्र यानि DMZ पर बड़ी संख्या में कोरियन सैनिक तैनात हैं. वहां रडार से लेकर कई अत्याधुनिक हथियारों को तैनात किया गया है. ताकि नार्थ कोरिया के किसी हमले को फौरन नाकाम किया जा सके. डीएमजेड के आस पास अमेरिकी सेना के भी बेस है जो 24 घंटे नॉर्थ कोरिया पर नज़र रखते हैं.

सुरंग वाली साजिश हो चुकी है नाकाम

उत्तर कोरिया ने साउथ कोरिया पर कब्जा करने की कई बार साजिश रची है. कोरिया की इस सीमा पर अब तक 4 सुरंगों के बारे में जानकारी मिल चुकी है इनमें से थर्ड टनल जिसके बारे में 1978 में जानकारी मिली थी इसके जरिए उत्तर कोरिया ने साउथ कोरिया की राजधानी सियोल पर कब्जा करने की हजारों की संख्या में अपने सैनिक भेजने का प्लान बनाया था. लेकिन समय रहते इसकी जानकारी मिल गई थी जिससे साउथ कोरिया बच गया था.

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