ओबामा प्रशासन ने किया पाकिस्तान को सशर्त मदद देने के कांग्रेस के कदम का विरोध
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ओबामा प्रशासन ने किया पाकिस्तान को सशर्त मदद देने के कांग्रेस के कदम का विरोध

हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई के प्रति ‘अपनी प्रतिबद्धता दिखाने’ और उसके खिलाफ कदम उठाने में विफल रहने वाले पाकिस्तान को दी जाने वाली 45 करोड़ डॉलर की मदद को बंद करने के कांग्रेस के कदम का ओबामा प्रशासन ने विरोध किया है। रिपब्लिकनों के नियंत्रण वाली कांग्रेस के इस कदम के बारे में ओबामा प्रशासन ने कहा है कि इससे द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति में जटिलता आ जाएगी।

वॉशिंगटन: हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई के प्रति ‘अपनी प्रतिबद्धता दिखाने’ और उसके खिलाफ कदम उठाने में विफल रहने वाले पाकिस्तान को दी जाने वाली 45 करोड़ डॉलर की मदद को बंद करने के कांग्रेस के कदम का ओबामा प्रशासन ने विरोध किया है। रिपब्लिकनों के नियंत्रण वाली कांग्रेस के इस कदम के बारे में ओबामा प्रशासन ने कहा है कि इससे द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति में जटिलता आ जाएगी।

व्हाइट हाउस की ओर से इस संदर्भ में तो बयान दिया ही गया है, साथ ही साथ एनडीएए-2017 पर प्रशासन की आपत्तियों के बारे में भी कहा गया है। ये आपत्तियां ऐसे समय पर जताई गई हैं, जब विधेयक सदन की सशस्त्र सेवा समिति से प्रतिनिध सभा की में पहुंच गया है। व्हाइट हाउस ने कहा कि वह हक्कानी नेटवर्क के संदर्भ में सांसदों के नजरिए से सहमत हैं लेकिन इस तरह का कदम द्विपक्षीय संबंधों की ‘प्रगति को बेवजह जटिल’ बना देगा। सदन ने एचआर 4909 पर इस सप्ताह के अंत में मतदान करना है।

एनडीएए 2017 के अनुसार, पाकिस्तान को एक अक्तूबर 2016 से 31 दिसंबर 2017 तक देने के लिए अधिकृत भरपाई और सहयोग की 45 करोड़ डॉलर की राशि को तब तक राष्ट्रीय सुरक्षा छूट के तहत नहीं माना जाएगा जब तक रक्षा मंत्री यह नहीं प्रमाणित कर देते कि पाकिस्तान हक्कानियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।

व्हाइट हाउस ने अपने बयान में कहा, ‘प्रशासन एचआर 4919 की धारा 1212 पर आपत्ति जताता है, जो पाकिस्तान को गठंधन सहयोग कोष (सीएसएफ) के तहत दी जाने वाली 45 करोड़ डॉलर की मदद को तब तक राष्ट्रीय सुरक्षा छूट के योग्य नहीं मानता, जब तक रक्षामंत्री यह प्रमाणित नहीं कर देते कि पाकिस्तान हक्कानी लोगों के खिलाफ अभियान चलाना जारी रखे हुए है। व्हाइट हाउस ने कहा कि हम अफगानिस्तान में हमारे बलों और हितों पर हक्कानी नेटवर्क के कारण मंडराने वाले खतरों को लेकर समिति की चिंताओं को समझते हैं। विशेषतौर पर इस समूह के खिलाफ ठोस कदम उठाने की जरूरत के तहत हम पाकिस्तान के साथ उच्चतम स्तरों पर जुड़ाव जारी रख रहे हैं। व्हाइट हाउस ने कहा कि ‘धारा 1212 इस मुद्दे पर बेवजह हमारे द्विपक्षीय संबंध की प्रगति को जटिल बनाएगी और यह रक्षा मंत्री की अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की दिशा में काम करने की क्षमता को सीमित कर देगा।’ 

इस प्रस्तावित प्रावधान में रक्षा मंत्री को यह भी प्रमाणित करना होगा कि पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क को उत्तरी वजीरीस्तान को अपनी शरणस्थली बनाने से रोकने के लिए प्रतिबद्धता जता रहा है और पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर हक्कानी नेटवर्क समेत आतंकियों के आवागमन को रोकने के लिए सक्रिय तौर पर अफगानिस्तान के साथ तालमेल कर रहा है। ऐसा ही प्रमाणन मौजूदा वित्त वर्ष 2016 के लिए भी जरूरी है, जो 31 सितंबर 2016 को पूरा हो रहा है। लेकिन इसके लिए राशि 30 करोड़ डॉलर की है। रक्षा मंत्री अब तक पाकिस्तान के लिए ऐसा कोई कोष जारी करने के लिए अनिवार्य प्रमाणपत्र नहीं दे पाए हैं।

सदन की सशस्त्र सेवा समिति का कहना है कि वह पाकिस्तान को की गई अदायगी और अमेरिकी नीति के भविष्य के प्रति उसके रूख की समीक्षा करती रहेगी। इसमें क्षेत्र में प्रमुख आतंकवाद रोधेी एवं सुरक्षा लक्ष्य भी शामिल हैं। ओबामा प्रशासन ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य मदद को बाधित करने या उसपर शर्त लगाने के किसी भी कदम का विरोध करते हुए तर्क दिया है कि इस्लामाबाद के साथ उसके संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं।

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