ओबामा ने किया दक्षिण चीन सागर विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान
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ओबामा ने किया दक्षिण चीन सागर विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को दक्षिण चीन सागर में भूभागीय विवादों का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करने का आह्वान किया। गौरतलब है कि ओबामा इन दिनों वियतनाम के दौरे पर हैं और वियतनाम विवादित दक्षिण चीन सागर में चीनी गतिविधियों का विरोध करता रहा है। हनोई में ओबामा ने विवादित नौवहन क्षेत्र का संदर्भ देते हुए कहा ‘बड़े देशों को चाहिए कि वह छोटे देशों को न धमकाएं और विवादों का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करना चाहिए।’ ओबामा की टिप्पणियों पर वहां मौजूद शीर्ष वियतनामी नेताओं सहित 2000 से अधिक प्रतिनिधियों ने तालियां बजाईं। दक्षिण चीन सागर में बीजिंग की बढ़ती गतिविधियों पर वाशिंगटन और हनोई ने परस्पर चिंता जताई है।

ओबामा ने किया दक्षिण चीन सागर विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान

हनोई: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को दक्षिण चीन सागर में भूभागीय विवादों का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करने का आह्वान किया। गौरतलब है कि ओबामा इन दिनों वियतनाम के दौरे पर हैं और वियतनाम विवादित दक्षिण चीन सागर में चीनी गतिविधियों का विरोध करता रहा है। हनोई में ओबामा ने विवादित नौवहन क्षेत्र का संदर्भ देते हुए कहा ‘बड़े देशों को चाहिए कि वह छोटे देशों को न धमकाएं और विवादों का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करना चाहिए।’ ओबामा की टिप्पणियों पर वहां मौजूद शीर्ष वियतनामी नेताओं सहित 2000 से अधिक प्रतिनिधियों ने तालियां बजाईं। दक्षिण चीन सागर में बीजिंग की बढ़ती गतिविधियों पर वाशिंगटन और हनोई ने परस्पर चिंता जताई है।

चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है और वहां के पथरीले हिस्सों तथा टापुओं पर हवाई पट्टियों सहित अन्य निर्माण परियोजनाओं और भूमि सुधार गतिविधियों से उसने पड़ोसियों को नाराज कर रखा है। वियतनाम तथा चार अन्य देशों ने भी दक्षिण चीन सागर के विभिन्न हिस्सों पर अपना दावा किया है। इन भूभागीय दावों पर अमेरिका ने अब तक कोई रूख जाहिर नहीं किया है लेकिन वह उस क्षेत्र में नौवहन तथा उड़ानों की स्वतंत्रता का पक्षधर है और चीनी नियंत्रण वाले टापुओं के पास उसने अपने लड़ाकू विमान भी भेजे हैं। ओबामा ने कहा कि जहां भी अंतरराष्ट्रीय कानून की अनुमति है वहां अमेरिका अपनी सक्रियता जारी रखेगा और ऐसा करने के सभी देशों के अधिकारों का समर्थन करता रहेगा।

 

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