'एक होलोग्राम की तरह हो सकता है हमारा ब्रह्मांड'
Advertisement
trendingNow1256220

'एक होलोग्राम की तरह हो सकता है हमारा ब्रह्मांड'

वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा संभव है कि एक होलोग्राम की तरह हमारा ब्रह्मांड वास्तव में द्विआयामी हो लेकिन दिखता त्रिआयामी हो। इन वैज्ञानिकों में भारत के वैज्ञानिक भी शामिल हैं।

'एक होलोग्राम की तरह हो सकता है हमारा ब्रह्मांड'

लंदन : वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा संभव है कि एक होलोग्राम की तरह हमारा ब्रह्मांड वास्तव में द्विआयामी हो लेकिन दिखता त्रिआयामी हो। इन वैज्ञानिकों में भारत के वैज्ञानिक भी शामिल हैं।

शोधकर्ताओं ने कहा कि पिछले दो दशकों में सैद्धांतिक भौतिकी के सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक सिद्धांत इस धारणा को चुनौती देने का है कि ब्रह्मांड त्रिआयामी है। ‘होलोग्राफिक सिद्धांत’ इस बात पर जोर देता है कि ब्रह्मांड की गणितीय व्याख्या के लिए, जितने आयाम का वह दिखता है, वास्तव में उससे लगभग एक अतिरिक्त की आवश्यकता होती है।

शोधकर्ताओं ने कहा, जो हमें त्रिआयामी लग रहा होता है, संभव है कि वह एक व्यापक ब्रह्मांड के क्षितिज पर दो विमीय प्रक्रियाओं का प्रतिबिंब मात्र हो। ये परिणाम वियना यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों और उनके सहकर्मिर्यों द्वारा निकाले गए हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि होलोग्राम द्विआयामी होते हैं लेकिन हमें ये त्रिआयामी नजर आते हैं। हमारा ब्रह्मांड भी इसी तरह व्यवहार कर सकता है।

Trending news