Pakistan: एक जज के रिश्तेदार का हुआ अपहरण, एक के बेडरूम में लगे मिले सीक्रेट कैमरे, जानिए ISI की कारस्तानी
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Pakistan: एक जज के रिश्तेदार का हुआ अपहरण, एक के बेडरूम में लगे मिले सीक्रेट कैमरे, जानिए ISI की कारस्तानी

Pakistan Judiciary: इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) के छह जजों  द्वारा लिखी गई चिट्ठी में सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल (SJC) से न्यायिक मामलों में इस तरह के हस्तक्षेप के खिलाफ एक न्यायिक व्यवस्था की मांग की गई है.

Pakistan: एक जज के रिश्तेदार का हुआ अपहरण, एक के बेडरूम में लगे मिले सीक्रेट कैमरे, जानिए ISI की कारस्तानी

Pakistan News: इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) के छह जजों ने पाकिस्तान की ताकतवर खुफिया एजेंसियों पर जो गंभीर आरोप लगाए हैं वो हैरान करने वाले हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जजों ने जासूसी एजेंसियों पर न्यायिक मामलों में हस्तक्षेप करने, गुप्त निगरानी रखने और यहां तक कि उनके परिवार के सदस्यों की किडनैपिंग और उन्हें यातना देने जैसी 'डराने वाली' रणनीति का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.

छह जजों द्वारा लिखी गई चिट्ठी में सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल (SJC) से न्यायिक मामलों में इस तरह के हस्तक्षेप के खिलाफ एक न्यायिक व्यवस्था की मांग की गई है.

एसजेसी में पाकिस्तान के चीफ जस्टिस और चार (सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट से दो-दो) अन्य टॉप जज शामिल होते हैं. यह देश का न्यायिक प्रहरी संस्था मानी जाती है.

जज के रिश्तेदार को किया गया किडनैप
चिट्ठी में कार्यपालिका और एजेंसियों के दखल को लेकर जजों पर दबाव बनाने के उदाहरणों का भी जिक्र किया गया.

पत्र में बताया गया कि एक मामले में हाई कोर्ट के एक जज पर दबाव बनाने के लिए उनके रिश्तेदार को किडनैप किया गया और उसे टॉर्चर किया गया.

चिट्ठी के बाद चीफ जस्टिस ने बुलाई बैठक
बुधवार को देश के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा ने पत्र पर चर्चा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के 15 जजों के पूरे पैनल को एक बैठक के लिए बुलाया. आईएसआई और पाकिस्तान की सेना ने अभी तक पत्र का जवाब नहीं दिया है.

इमरान खान से जुड़े मामले संबंधित हैं आरोप
जजों द्वारा कथित धमकी और जबरदस्ती के आरोप मुख्य विपक्षी नेता और जेल में बंद पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान के खिलाफ मामलों से संबंधित हैं.

खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने सेना पर पिछले महीने के आम चुनावों से पहले पार्टी के खिलाफ कार्रवाई करने का आरोप लगाया था.

कार्रवाई में खान को जेल हुई और चुनाव लड़ने से रोक दिया गया, दर्जनों अन्य पीटीआई नेताओं ने गिरफ्तारी के बाद पार्टी छोड़ दी. पार्टी ने अपना चुनाव चिन्ह खो दिया, जिससे उसके उम्मीदवारों को निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.

पाकिस्तान की सेना ने चुनाव में हस्तक्षेप के आरोपों से बार-बार इनकार किया है.

आईएचसी के समक्ष खान के खिलाफ 100 से अधिक मामले लाए गए थे, जिसमें पत्र लिखने वाले 6 जजों ने कहा कि जासूसी एजेंसी द्वारा उन पर 'काफी दबाव डाला गया था.'

बेडरूम में मिले सीक्रेट कैमरे
पत्र में कहा गया है कि एक जज के रिश्तेदार को 'आईएसआई ऑपरेटिव होने का दावा करने वाले व्यक्तियों' द्वारा किडनैप कर लिया गया. उस पर 'झूठे आरोप लगाने के लिए उसे प्रताड़ित किया गया.' एक अन्य जज ने कहा कि उन्हें अपने लिविंग रूम और बेडरूम में सीक्रेट कैमरे मिले हैं.

जजों ने पत्र में कहा गया है, 'इसलिए, हम मांग करते हैं कि न्यायिक कार्यों में खुफिया अधिकारियों के दखल या जजों को इस तरह से डराने-धमकाने के मामले पर विचार करने के लिए एक न्यायिक सम्मेलन बुलाया जाए.'

सिद्दीकी मामले में फैसले के बाद जजों ने लिखा पत्र
जजों का पत्र सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को सुनाने एक हफ्ते से भी कम समय में आया है जिसमें उसने कहा था कि 2018 में पूर्व आईएचसी जज शौकत अजीज सिद्दीकी को हटाना अवैध था. उस वर्ष एक सार्वजनिक भाषण में, सिद्दीकी ने तत्कालीन आईएसआई चीफ और अन्य सैन्य अधिकारियों पर अदालती फैसलों में हेरफेर करने और मामलों में दखल करने का आरोप लगाया था.

इसके बाद एसजेसी ने न्यायाधीश के खिलाफ कदाचार की कार्यवाही शुरू की और उन्हें पद से हटाने की सिफारिश की. सिद्दीकी ने एसजेसी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसने पिछले साल ही मामले की सुनवाई शुरू की थी. पिछले सप्ताह अपने आदेश में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसजेसी की सिफारिश गलत थी और एक रिटायर्ड जज के रूप में उनकी स्थिति को बहाल करने की घोषणा की.

जजों के पत्र में सिद्दीकी मामले का भी हवाला दिया गया और पूर्व आईएसआई प्रमुख और अन्य सैन्य अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच की मांग की गई.

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