Giorgia Meloni: चीन में क्या कर रही हैं इटली की पीएम मेलोनी? जो चाहती हैं क्या मान जाएंगे जिनपिंग
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Giorgia Meloni: चीन में क्या कर रही हैं इटली की पीएम मेलोनी? जो चाहती हैं क्या मान जाएंगे जिनपिंग

Giorgia Meloni China visit: इटली की पीएम मेलोनी चीन दौरे पर हैं. दो साल पहले प्रधानमंत्री बनने के बाद मेलोनी का ये पहला चीन दौरा है. यूरोपीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मेलोनी की बीजिंग यात्रा कई मायनों में खास है.

Italy's Prime Minister Giorgia Meloni

Giorgia Meloni Xi Jinping meet: इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी बीजिंग में हैं. वहां वो चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत कई नेताओं से मुलाकात करेंगी. पिछले साल चीन के बेल्ट रोड इनिशिएटिव प्रोजेक्ट से हटने के बाद मेलोनी का चीन दौरा काफी अहम माना जा रहा है. इटली के प्रधानमंत्री ऑफिस की रिपोर्ट के मुताबिक पांच दिन की इस अधिकारिक यात्रा में मेलोनी इटली-चीन के रिश्तों को मजबूत करने पर फोकस करेंगीं. इस दौरान कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर समझौते हो सकते हैं. मेलोनी का मानना है कि भले ही वो चीन के बीआरआई से अलग हो चुकी हैं इसके बावजूद दोनों देशों के बीच अभी बहुत सारी संभावनाएं हैं.

चीन को मनाने आ रही मेलोनी: ग्लोबल टाइम्स

मेलोनी के इस दौरे को चीन की सरकारी मीडिया ने अपने हिसाब लिखा है. ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक आर्टिकिल में लिखा कि मेलोनी को चीन के बेल्ट रोड इनिशिएटिव प्रोजेक्ट छोड़ने का अफसोस है, इसलिए वो अपने पांच दिन के लंबे दौरे में चीन को मनाने आ रही हैं. चीनी मीडिया ने कहा कि इटैलियन पीएम मेलोनी शनिवार रात बीजिंग पहुंचीं. लंबे दौर में वो राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात करेंगी. इस दौरान उनका फोकस द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना होगा.

जो मेलोनी कहेंगी क्या मान जाएंगे जिनपिंग?

न्यूज़ एजेंसी एएफआई की एक रिपोर्ट में इटली सरकार के सूत्रों के हवासे से कहा गया है कि बीआरआई प्रोजेक्ट से इटली के एक्जिट के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में कुछ कड़वाहट आई थी. ऐसे में अब मेलोनी अपने इस दौरे से साझा हितों के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को फिर से शुरू करने पर विचार करेंगी.

रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि मेलोनी इस दौरान शी जिनपिंग को यूक्रेन युद्ध को लेकर यूरोप और अन्य देशों के रुख के बारे में बताएंगी. माना जा रहा है कि मेलोनी यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए चीन को एक बार फिर से पहल करने को कह सकती हैं. रूस और चीन पारंपरिक सहयोगी हैं, चीन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस के खिलाफ आजतक एक भी बयान नहीं दिया है. ऐसे में मेलोनी के प्रपोजल पर शी जिनपिंग का क्या रिएक्शन होगा ये देखना भी दिलचस्प होगा.

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