Pak-China Relations: चीन जाने के लिए 'चिरौरी' कर रहे शहबाज शरीफ! शी जिनपिंग नहीं दे रहे भाव
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Pak-China Relations: चीन जाने के लिए 'चिरौरी' कर रहे शहबाज शरीफ! शी जिनपिंग नहीं दे रहे भाव

Pak-China: पाकिस्तान में प्रधानमंत्री के शपथ लेने के बाद चीन और सऊदी अरब जाने की परंपरा रही है. हालांकि शरीफ को दोनों ही देशों की ओर से औपचारिक यात्रा का निमंत्रण नहीं मिला.

Pak-China Relations: चीन जाने के लिए 'चिरौरी' कर रहे शहबाज शरीफ! शी जिनपिंग नहीं दे रहे भाव

Shehbaz Sharif: पाकिस्तान और चीन के रिश्तें में कुछ खिंचाव नजर आ रहा हैं. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अभी तक चीन की आधिकारिक यात्रा पर नहीं गए हैं. यह दर्शाता है कि बीजिंग और इस्लामाबाद के बीच सब कुछ सही नहीं चल रहा है.  मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में प्रधानमंत्री के शपथ लेने के बाद चीन और सऊदी अरब जाने की परंपरा रही है. 

हालांकि शरीफ को दोनों ही देशों की ओर से औपचारिक यात्रा का निमंत्रण नहीं मिला. वह 28-29 अप्रैल को रियाद गए थे हालांकि यह औपचारिक दौरा नहीं था. 

वहीं दूसरी तरफ 4 मार्च 2024 को पाकिस्तान के पीएम पद संभालने वाले शरीफ अब तक चीन नहीं गए हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान के बार-बार अनुरोध पर भी चीन ने कोई आधिकारिक न्योता पाकिस्तान को नहीं भेजा है. 

मई में जा सकते हैं शरीफ 
हालांकि पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों में दावा किया जा रहा है कि शरीफ मई में चीन के दौरे पर जाएंगे. पीपीपी ने प्रधानमंत्री युवा कार्यक्रम के अध्यक्ष, राणा मशहूद के हवाले से बताया है कि, 14 मई से, प्रधानमंत्री पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की आधिकारिक यात्रा करेंगे. 

बता दें पिछले दिनों पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हुए हमलों ने दोनों देशों के बीच तनातनी पैदा की है. पाकिस्तान के अशांत पश्चिमोत्तर प्रांत खैबर-पख्तूनख्वा में 26 मार्च को विस्फोटक से भरे एक वाहन ने एक बस को टक्कर मार दी थी, जिससे बस में सवार कम से कम पांच चीनी नागरिकों सहित छह व्यक्तियों की मौत हो गई थी. मृतक चीनी नागरिक चीन पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरिडोर (सीपैक) प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे.  

बीजिंग ने इस्लामाबाद पर जोर दि,या था कि हमलावरों की खोजबीन तेज की जाए और चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाये जाएं. 

पाकिस्तान का अमेरिका से लगाव
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन से पाकिस्तान का पाकिस्तान अमेरिका के प्रति लगाव से भी परेशान है. पाकिस्तान की कोशिश वॉशिंगटन और बीजिंग दोनों को साधने की है. जबकि चीन को इस्लामाबाद की यह रुख पसंद नहीं आ रहा है. 

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