Pakistan Elections: क्या है फॉर्म 45 और 47 का चक्‍कर? जिसके कारण पाकिस्तान चुनाव में बेईमानी का लगा आरोप
Advertisement

Pakistan Elections: क्या है फॉर्म 45 और 47 का चक्‍कर? जिसके कारण पाकिस्तान चुनाव में बेईमानी का लगा आरोप

Pakistan Elections Results: पाकिस्तान में आखिरकार फाइनल चुनावी नतीजे सामने आ गए हैं. पाकिस्तान चुनाव आयोग से जारी नतीजों में किसी भी एक पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है.

Pakistan Elections: क्या है फॉर्म 45 और 47 का चक्‍कर? जिसके कारण पाकिस्तान चुनाव में बेईमानी का लगा आरोप

What Is Pakistan Form 45: पाकिस्तान के चुनावी नतीजों की फाइनल पिक्चर सामने आ गई है. हालांकि किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. हालांकि, आर्मी के सपोर्ट से नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) का पलड़ा भारी नजर आ रहा है. इमरान खान के समर्थकों ने आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी को चुनाव में बंपर वोट मिले हैं. लेकिन उनके साथ बेईमानी की गई है. वोटों की गिनती में फॉर्म 45 तक वो जीत रहे होते थे. लेकिन फॉर्म 47 आते-आते दूसरा उम्मीदवार जीत जाता था. आइए जानते हैं कि ये फॉर्म 47 और 45 क्या हैं, जिन्होंने पाकिस्तान की सियासत में भूचाल आ सकता है.

क्या होता है फॉर्म 45 और 47?

फॉर्म 45 पाकिस्तान चुनाव में काफी अहम है. फॉर्म 45 में पोलिंग बूथ पर डाले गए वोटों का आंकड़ा होता है. उसमें पोलिंग स्टेशन की संख्या, सीट का नाम, कुल वोटर्स, डाले गए वोट और किस उम्मीदवार को कितने मत मिले, ये लिखा होता है. फॉर्म 45 पार्टियों के एजेंट की मौजूदगी में भरा जाता है. इस फॉर्म को पोलिंग एजेंट देख सकते हैं और बाद में ये रिटर्निंग अफसर के पास चला जाता है. इसके बाद चुनाव परिणाम फॉर्म 47 के जरिए जारी किया जाता है. इमरान समर्थकों का आरोप है कि फॉर्म 45 तक वो जीत रहे थे लेकिन फॉर्म 47 में रिटर्निग अफसर बेईमानी करा दी. उन्हें हरा दिया.

किसको कितनी सीटों पर मिली जीत?

बता दें कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी PTI समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने 101 सीट पर जीत दर्ज की है. वहीं, तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज 75 सीट जीतकर तकनीकी रूप से संसद में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. वहीं, बिलावल जरदारी भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को 54 सीट मिलीं, जबकि मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान को 17 सीट मिलीं हैं.

पाकिस्तान में जोड़तोड़ शुरू

चुनावी नतीजों के बाद अब सत्ता पाने के लिए जोड़तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है. नवाज शरीफ ने अपने छोटे भाई शहबाज शरीफ को बाकी दलों से बातचीत का काम सौंपा है. उधर चुनावी नतीजों में धांधली का आरोप लगाते हुए कई दल और धार्मिक संगठनों ने विरोध का बिगुल फूंक दिया है. इमरान की पार्टी पीटीआई के कार्यकर्ता कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि ऐसे में वहां 9 मई 2023 जैसे हालात बन सकते हैं और बड़े पैमाने पर फिर दंगा भड़क सकता है.

नवाज-बिलावल फिर होंगे एक

पाकिस्तान में काफी हद तक नई सरकार की तस्वीर साफ है. देर रात मियां नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ सरकार गठन का न्योता लेकर भुट्टो के घर पधारे. बिलावल भुट्टो ने भी गर्मजोशी से शरीफ का स्वागत किया और उसके बाद पीपीपी के अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी से शहबाज शरीफ ने मुलाकात की. दोनों दलों के बीच नई सरकार के गठन की मंत्रणा हुई.

क्यों साथ आए बिलावल-नवाज?

हालांकि, पाकिस्तानी चैनल जियो न्यूज़ के मुताबिक, नवाज शरीफ और भुट्टो मिलकर पाकिस्तान की नई सरकार चलाएंगे क्योंकि ना चाहते हुए भी नतीजों ने दोनों को साथ आने को मजबूर किया है. पाकिस्तान नेशनल असेंबली में 265 सीट हैं. बहुमत का आंकड़ा 133 है. इमरान समर्थित 101 निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं. जबकि PMLN को 75 और PPP को 54 सीट मिली हैं.

फौज के वीटो ने पलटा गेम

फौज के फरमान और बहुमत की मजबूरी पाकिस्तान से पाकिस्तान में शरीफ और भुट्टो फिर सरकार में साथ दिखेंगे. नंबर गेम में भले ही इमरान ने बाजी मारी हो लेकिन फौज के वीटो ने उनका खेल बिगाड़ दिया है और पाकिस्तान में पीडीएम 2.O की वापसी हो रही है. पीडीएम यानी पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूमेंट जो सेना के इशारे पर दो साल पहले इमरान को सत्ता से बेदखल कर सरकार में आई. तब शहबाज शरीफ पीएम बने थे और बिलावल भुट्टो विदेश मंत्री इस चुनाव में सेना इमरान के खिलाफ खड़ी थी.

चुनाव में कैसे हुई गड़बड़ी

पाकिस्तानी एक्सपर्ट नजम सेठी ने कहा कि पहले से ही लोग शक कर रहे थे कि शायद कुछ गड़बड़ करें. मगर दिलचस्प बात ये है कि रात को 12-1 बजे तक, कहीं एक परसेंट, कहीं 2 परसेंट, कहीं 10 परसेंट रिजल्ट आया था. कहीं पता ही नहीं चल रहा था रिजल्ट आया या नहीं आया. बल्कि 12 बजे तक रिजल्ट आ जाने चाहिए थे. उस वक्त शक पड़ना शुरू हो गया पता नहीं क्या इरादे हैं क्या हो रहा है क्या नहीं हो रहा.

इसी हेराफेरी की वजह से रात तक जिन इमरान समर्थित आज़ाद उम्मीदवारों को पूरा बहुमत मिलता दिख रहा था. सुबह तक पाकिस्तान मुस्लिम लीग उससे कम सीटें जीतकर भी फाइट में आ गई. हालांकि ऐसा पहले भी पाकिस्तान में होता आया है. 2018 के चुनावों में तत्कालीन सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने इमरान खान की ऐसे ही मदद की थी. तब नवाज शरीफ की आंखों में आंसू थे. लेकिन इस बार इमरान के साथ सेना ने खेला किया है. खैर मुनीर के ऑफिस में नई सरकार का खाका खींच दिया गया है.

Trending news