कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले पंद्रह देशों में सामने आए हैं लेकिन इसका केंद्र चीन है जहां इसकी चपेट में आने से कम से कम 170 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. चीन में 7711 रोगियों में इस वायरस के होने की पुष्टि की गई है
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इस्लामाबाद: जानलेवा कोरोना वायरस (Coronavirus) के खौफ के कारण पाकिस्तान (Pakistan) के प्रांत पंजाब के दक्षिणी हिस्से में जारी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) की परियोजनाओं का काम गुरुवार को रोकना पड़ा. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, इस इलाके में सीपीईसी परियोजनाओं में कार्यरत चीन (China) के 71 इंजीनियरों और सुरक्षाकर्मियों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है.
यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि हाल में चीन की यात्रा करने वाले इन लोगों के शरीर में किसी तरह का कोई संक्रमण तो नहीं है. इस वजह से इलाके में परियोजनाओं का काम रुक गया है.
कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले पंद्रह देशों में सामने आए हैं लेकिन इसका केंद्र चीन है जहां इसकी चपेट में आने से कम से कम 170 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. चीन में 7711 रोगियों में इस वायरस के होने की पुष्टि की गई है जिनमें वूहान में शिक्षा ले रहे चार पाकिस्तानी विद्यार्थी भी शामिल हैं.
चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप की चपेट में पाकिस्तान के आने की आशंका सबसे अधिक जताई जा रही है. सिर्फ यही नहीं कि दोनों देशों की सीमा एक-दूसरे से लगी है बल्कि सीपीईसी (CPEC) परियोजना के कारण बड़ी संख्या में चीनी पाकिस्तान में कार्यरत हैं. उनका पाकिस्तान आना-जाना लगा रहता है. इस वजह से इस आशंका को बल मिल रहा है.
पाकिस्तान पर मंडरा रहे इसी खतरे के संदर्भ में विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता आयशा फारूकी ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान सरकार इस दिशा में चीन के संबद्ध अधिकारियों के संपर्क में है. वूहान में पाकिस्तानी छात्र-छात्राओं की सुरक्षा व सुविधा के लिए सभी उपाय करने का आग्रह किया गया है.
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