जाको राखे साईंया मार सके ना कोय। पाकिस्तान में पेशावर के स्कूली हमले में खूनी तांडव में नौवीं क्लास लगभग पूरी तरह से खत्म हो गई। आतंकियों के हमले में एक लड़का बच गया और वह भी इसलिए क्योंकि वह देर से उठने की वजह से स्कूल नहीं जा पाया था और घर पर रह गया था।
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पेशावर: जाको राखे साईंया मार सके ना कोय। पाकिस्तान में पेशावर के स्कूली हमले में खूनी तांडव में नौवीं क्लास लगभग पूरी तरह से खत्म हो गई। आतंकियों के हमले में एक लड़का बच गया और वह भी इसलिए क्योंकि वह देर से उठने की वजह से स्कूल नहीं जा पाया था और घर पर रह गया था।
आतंकियों के हमले में 15 वर्षीय दाऊद इब्राहिम को छोड़ क्लास के सभी छात्र मारे गए। अगर घटना की सुबह दाऊद की घड़ी का अलार्म बज उठा होता, तो शायद वह भी लाशों के ढेर पड़ा होता। लेकिन अलार्म ने उसकी जान बचा ली और वह बच गया।
रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार रात दाऊद के घर में किसी की शादी थी। इसी वजह से देर रात सोने के चलते वह सुबह वक्त पर उठ नहीं सका और स्कूल नहीं गया। दाऊद अपनी क्लास का अब इकलौता छात्र है जो जिंदा है। हमले में उसके सभी साथी मारे गए। इस हादसे के बाद दाऊद सदमे में है।
गौर हो कि पाकिस्तान के पेशावर में एक सैनिक स्कूल पर बर्बर आतंकी हमले में घायल सात और लोगों ने आज दम तोड़ दिया जिससे इस हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 148 हो गई। इस घटना में अब तक मरने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं। वारसाक रोड स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल पर कल हुआ हमला पाकिस्तान के इतिहास का सबसे निर्मम आतंकवादी हमला था, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा हो रही है।
पाकिस्तानी तालिबान के कम से कम छह बंदूकधारियों ने स्कूल में दाखिल होकर कक्षाओं में जा जाकर अंधाधुंध गोलीबारी की। इस हमले में शुरूआत में 132 बच्चों की मौत हुई थी। कुछ वयस्कों की अस्पताल में मौत हो गई, जिससे मरने वालों की कुल संख्या 148 हो गई।