इमरान ने कहा कि, ''विकासशील देशों के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह अब और पैसे स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च कर सकें और दूसरी तरफ लोगों को भूखों मरने से रोक सकें.''
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इस्लामाबाद. कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते दुनिया भर के देशों की अर्थव्यवस्था ठप पड़ गई है. देशों के सामने एक तरफ कोरोना वायरस (Coronavirus) से लड़ने की चुनौती है तो दूसरी ओर अपनी अर्थव्यवस्था संभालना भी है. इस बीच पहले से ही आर्थिक तंगी की मार झेल रहे पाकिस्तान (Pakistan) में हालात दिन ब दिन खराब हो रहे हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने विश्व समुदाय से मदद की गुहार लगाई है और कहा है कि कोरोना के चलते देश में भूखमरी के हालात पैदा हो गए हैं इसलिए उन्हें कर्ज में राहत दी जाए.
इमरान खान रविवार को एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा है, “मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से अपील करता हूं कि जिस चुनौती के साथ विकासशील देश कोविड-19 महामारी का सामना कर रहे हैं उन्हें साकारात्मक प्रतिक्रिया दी जाए.”
My appeal to the international community, the UNSG & international financial institutions to respond positively to the dilemma confronting developing countries in the face of the COVID19 pandemic. #Global_Initiative_Debt_Relief pic.twitter.com/EfydRhfZhc
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) April 12, 2020
इमरान ने अपने विडियो संदेश में कहा, ''मैं आज वैश्विक समुदाय के सामने तक अपनी बात पहुंचना चाहता हूं. कोविड-19 के खिलाफ हम दो तरह की प्रतिक्रिया देख रहे हैं- एक विकसित देशों में और एक विकासशील देशों में. विकसित देश पहले लॉकडाउन के जरिए कोरोना को रोक रहे हैं और बाद में वो इससे प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को संभाल रहे हैं. लेकिन, विकासशील देशों में कोरोना वायरस को रोकने और आर्थिक चुनौती के साथ साथ सबसे बड़ी समस्या ये है कि यहां लोग भूखे मर रहे हैं.''
''यहां चुनौती ये है कि लोगों को पहले वायरस से मरने से रोका जाए और दूसरी तरफ लॉकडाउन के बाद जो हालत पैदा हुए हैं उसले उन्हें भूख से मरने से भी बचाया जाए. दूसरी समस्या ये है कि विकासशील और विकसित देशों को उपलब्ध होने वाले संसाधनों में बड़ी असमानता है.'' इमरान खान ने कहा कि उनकी सरकार ने पाकिस्तान में जरूरतमंद लोगों के लिए 8 बिलियन डॉलर का प्रोत्साहन पैकेज प्रदान किया था.
इमरान ने कहा कि, ''विकासशील देशों के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह अब और पैसे स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च कर सकें और दूसरी तरफ लोगों को भूखों मरने से रोक सकें. इसलिए मैं वित्तीय संस्थानों और यूनाइटेड नेशंस के जनरल सेक्रेटरी से यह गुजारिश करता हूं कि कि वो एक ऐसी पहल करें जिससे विकासशील देशों में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों को रोका जा सके.''
बता दें कि पाकिस्तान में लॉकडाउन (Lockdown) चल रहा है और अब तक यहां 5,183 कोरोना के मरीजों की पुष्टि हो चुकी है, जिसमें से आधे मामले अकेले पंजाब प्रांत से दर्ज किए गए हैं. वहीं अब तक 86 लोगों की जानें गई हैं. विकास और विशेष पहल मंत्री असद उमर ने मीडिया के सामने खुलासा किया कि सरकार को अपने राजस्व के एक तिहाई हिस्से का नुकसान हो रहा है. महामारी के कारण निर्यात में 50 प्रतिशत की कमी आई है. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि एहसास इमरजेंसी कैश प्रोग्राम (ईईसीपी) के तहत 12 मिलियन परिवारों को 144 बिलियन पीकेआर दिया जाएगा. यह देश के इतिहास का सबसे बड़ा राहत पैकेज है.