Territorial Water: यह पहली बार है जब फिलीपींस के राष्ट्रपति ने सार्वजनिक रूप से चीन के खिलाफ आवाज उठाई है. फिलीपींस ने कहा कि वह चीन से झगड़ा नहीं चाहता, लेकिन मजबूती से अपने जलक्षेत्र की रक्षा करेगा.
Trending Photos
China-Philippines Relation: दुनिया के सामने चीन खुद को कितना भी सही साबित करने में लगा हो, लेकिन सच्चाई यही है कि वह लगातार दूसरे देशों पर अपना प्रभुत्व दिखाता रहता है. इसी कड़ी में फिलीपींस ने उसे खुली चेतावनी दे दी है. उसने चीन को साफ शब्दों में कहा है कि वह झगड़ा नहीं चाहता है लेकिन चीन से अपने जलक्षेत्र की रक्षा जरूर करेगा. असल में दक्षिण चीन सागर में विवादित स्थल पर चीन द्वारा लगाए गए अवरोधकों को फिलीपींस के तटरक्षकों द्वारा हटाए जाने के बाद देश के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश, चीन से झगड़ा नहीं चाहता, लेकिन वह मजबूती से अपने जलक्षेत्र की रक्षा करेंगे.
चीन के खिलाफ आवाज उठाई
खास बात यह है कि यह पहली बार है जब फिलीपींस के राष्ट्रपति ने सार्वजनिक रूप से चीन के खिलाफ आवाज उठाई है. चीन ने ‘स्कारबोरो शोल’ (रेतीले और चट्टानों से घिरे समुद्री क्षेत्र, जहां प्रचुर मात्रा में मछलियां पाई जाती हैं) के शुरुआती भाग में 300 मीटर (980 फुट) लंबा अवरोधक लगाया था, जिसे मार्कोस के आदेश के बाद हटा दिया गया. दक्षिणी सुरीगाओ डेन नोर्ते प्रांत में संवाददाता द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में मार्कोस ने कहा, ‘‘हम झगड़ा नहीं चाहते लेकिन हम फिलीपींस के जलक्षेत्र और हमारे मछुआरों के अधिकारों की रक्षा करना जारी रखेंगे.
चीन-फिलीपींस के बीच विवाद
उन्होंने कहा कि ये मछुआरे सौ से ज्यादा वर्षों से इन इलाकों में मछली पकड़ रहे हैं. इस साल की शुरुआत में मार्कोस ने 2014 रक्षा समझौते के अंतर्गत फिलीपीन में अमेरिकी सैन्य मौजूदगी को बढ़ाने की मंजूरी देने का फैसला किया था, जिसके बाद दक्षिण चीन सागर में चीन और फिलीपींस के बीच यह हालिया विवाद पैदा हुआ है. ताइवान और चीन के साथ समुद्री सीमा साझा करने वाले फिलीपीन में स्थानीय सैन्य शिविरों में अधिक संख्या में अमेरिकी बलों की मौजूदगी से बीजिंग भड़क गया है, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनातनी जारी है.
चीन ने बताया- खुशफहमी
वहीं चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को बीजिंग में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह शोल ‘‘चीन का हिस्सा है’’. उन्होंने कहा, फिलीपींस जो कर रहा है वह उसकी खुशफहमी के अलावा और कुछ नहीं है. चीन अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता और समुद्री अधिकारों की रक्षा तथा हुआंगयान द्वीप के हितों की रक्षा करना जारी रखेगा. एजेंसी इनपुट