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एक्ट्रेस का Peanut Butter की वजह से ब्रेन डैमेज, कोर्ट से मिला 220 करोड़ का मुआवजा

शांटेल ग्याकेलोन का मामला

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शांटेल ग्याकेलोन का मामला

अमेरिका के लास वेगास की अदालत ने एक्ट्रेस और मॉडल शांटेल ग्याकेलोन (Chantel Giacalone) को 220 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है. शांटेल ग्याकेलोन (Chantel Giacalone) पिछले 8 साल से पैरालाइज्ड हैं और माता-पिता के डायनिंग रूम में एक बेड पर अपनी जिंदगी बिता रही हैं. 

पीनट बटर से एलर्जी

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पीनट बटर से एलर्जी

फॉक्स न्यूज की खबर के मुताबिक शांटेल ग्याकेलोन (Chantel Giacalone) पीनट बटर बिस्किट खाने के बाद ब्रेन डैमेज का शिकार हो गईं. दरअसल, उन्हें इनकी ही एक साथी मॉडल ने बिस्किट खिलाया था. इस बिस्किट में पीनट बटर मिक्स्ड था. ये बात साल 2013 की है और उस समय शांटेल लास वेगास शहर में ही मैजिक फैशन ट्रेड शो में मॉडलिंग कर रही थी. तस्वीर:फॉक्स न्यूज

एनाफायलेक्टिक शॉक में चली गई शांटेल

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एनाफायलेक्टिक शॉक में चली गई शांटेल

शांटेल ग्याकेलोन को ये समस्या इसलिए हुई, क्योंकि उन्हें पीनट बटर से एलर्जी थी. जिसकी वजह से वो एनाफायलेक्टिक शॉक में चली गई. किसी इंसान को एलर्जी के रिएक्शन के बाद एनाफायलेक्टिक शॉक की स्थिति बन जाती है. ये दुर्लभ मामला है और इसका इलाज हर जगह नहीं मिल पाता. इस स्थिति में मरीज को तुरंत epinephrine नाम की दवा मिलनी चाहिए. लेकिन शांटेल को ये दवा मिल ही नहीं पाई. 

समय पर नहीं मिल पाया इलाज

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समय पर नहीं मिल पाया इलाज

कोर्ट ने शांटेल के वकील की इस दलील को माना कि शांटेल को समय पर जो दवाइयां और जो मेडिकल सुविधाएं मिलनी चाहिए थी, वो नहीं मिली. इसकी वजह से उनकी हालत सुधर ही नहीं पाई. वो पिछले 8 सालों से अपने बिस्तर पर ही हैं. उनके पिता का कहना है कि इन पैसों से शायद शांतेल को सही इलाज मिल जाए, या कम से कम अगले 15-20 सालों तक हम उसके इलाज को जारी रख पाएं. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी उनके लिए सब कुछ है. ऐसे में वो अपनी बेटी के इलाज में सब कुछ झोंक देंगे. 

हार्मोनल प्रक्रिया का हिस्सा है Epinephrine

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हार्मोनल प्रक्रिया का हिस्सा है Epinephrine

शांटेल को जो समस्याएं आई, उसकी एक वजह एलर्जी रिएक्शन के तुरंत बाद खुजली और नाक से पानी आने जैसी सामान्य चीजें रही. लेकिन इसके चलते कई बार एनाफायलेक्सिस भी हो जाता है. जिसमें ब्लड प्रेशर तेजी से गिरता है. शरीर में ऑक्‍सीजन की मात्रा घट जाती है और सांस लेने में तकलीफ होती है. इस परिस्थिति की वजह से कई मामलों में लोगों की मौत भी हो जाती है.

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