WHO का अनुमान है कि हर साल इस बीमारी के लगभग एक अरब मामले सामने आ सकते हैं और लाखों लोगों की मौत हो सकती है.
हेल्महोल्ट्ज-सेंटर के डॉ. जोसेफ सेटल ने द सन ऑनलाइन को बताया, 'जानवरों की कोई भी प्रजाति इस बीमारी का स्रोत हो सकती है. संभावना उन समूहों के लिए ज्यादा है, जहां चूहों और चमगादड़ों जैसी अधिक प्रजातियां हैं. उन्होंने कहा कि यह प्रजातियों के अनुकूलन क्षमता पर निर्भर करता है.'
फिलहाल इस बीमारी के बारे में कुछ खास पता नहीं चला है लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अज्ञात बीमारी अगली महामारी बन सकती है. इसका एक मरीज कांगो में मिला था. कांगो में मिले मरीज को तेज बुखार था और साथ ही इंटरनल ब्लीडिंग भी हो रही थी. उसने इबोला का टेस्ट कराया, लेकिन वह नेगेटिव आया.
वैज्ञानिकों को डर है कि अगली महामारी ब्लैक डेथ से भी बदतर हो सकती है, जिसमें 7.5 करोड़ लोगों की मौत हुई थी और डिजीज एक्स वायरस इससे ज्यादा खतरनाक हो सकता है. इतना ही नहीं आने वाले समय में मानव जाति को हर पांच साल में स्वास्थ्य संकट का सामना करना पड़ सकता है. EcoHealth Alliance के अनुसार, दुनिया में मौजूद 1.67 मिलियन अज्ञात वायरस में से 827000 जानवरों से मनुष्यों में आए हैं.
कोविड-19 इस बात का उदाहरण है कि कैसे जानवर से इंसानों में पहुंचा वायरस पूरी मानव जाति के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. बर्ड फ्लू, SARS, MERS, Nipah और यलो फीवर सभी वायरस के सामान्य उदाहरण हैं, जो पहले जानवरों में उत्पन्न हुए थे और फिर इंसानों में पहुंच गए.
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