कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए 3500 से 4000 प्रदर्शनकारी लंदन में भारतीय हाई कमीशन के बाहर जमा हो गए.
प्रदर्शनकारियों की स्थिति को देखते हुए भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने तुरंत यूके मेट्रोपॉलिटन पुलिस, ब्रिटेन के विदेश कार्यालय और गृह कार्यालय से संपर्क साधा. जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित किया. इस संबंध में हाई कमीशन के अधिकारी विश्वेश नेगी के मुताबिक कुछ लोगों को अरेस्ट भी किया गया.
प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों को बताया कि वो भारत में नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करना चाहते हैं. लेकिन प्रदर्शन स्थल पर खालिस्तानी झंडे भी दिखाई दिए.
इस संबंध में हाई कमीशन के अधिकारी विश्वेश नेगी ने बताया, 'जैसा कि उम्मीद थी, जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि सभा का नेतृत्व भारत विरोधी तत्वों ने किया था. जिन्होंने मोटेतौर पर भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन को समर्थन दे रहे थे लेकिन उन्होंने इसका इस्तेमाल अपने भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के अवसर के रूप में किया.'
यूके में कोरोना महामारी के कारण सिर्फ 30 लोगों को ही प्रदर्शन करने की अनुमति है. लेकिन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए 3500 से 4000 प्रदर्शनकारी भारतीय हाई कमीशन के बाहर जमा हो गए. रैली में करीब 700 गाड़ियों भी देखी गईं जबकि कोरोना काल में इस तरह के विरोध-प्रदर्शन के लिए केवल 40 गाड़ियों की ही अनुमति है.
लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने इस साल ये पहला प्रदर्शन है. इससे पिछले साल जम्मू-कश्मीर में धारा 370 और 35A हटाने के बाद भी दो बार ऐसे प्रदर्शन हुए थे. उस समय उनमें कई प्रदर्शनकारी पाकिस्तानी मूल के थे. उन्होंने अपने प्रदर्शन के दौरान उच्चायोग की इमारत की खिड़की के एक शीशे को भी तोड़ दिया था. उसके बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश पीएम के समक्ष इस मुद्दे को उठाया था और उन्होंने आश्वासन दिया था कि ऐसी घटना दोबारा नहीं होगी.
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