द सन में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी लड़के का नाम मुस्तफा अल दर्विश था. उसकी उम्र अभी महज 26 साल थी. जान लें कि सऊदी अरब कई बार कह चुका है कि वह नाबालिग बच्चों को मौत की सजा नहीं देगा. फिर भी मुस्तफा को फांसी दे दी गई. मुस्तफा को जिस आरोप में गिरफ्तार किया गया था, वह उसने 17 साल की उम्र में कथित रूप से किया था. (फोटो साभार- Supplied)
बता दें कि मुस्तफा पर आरोप था कि वह 17 साल की उम्र में अरब स्प्रिंग से जुड़े प्रदर्शन में शामिल हुआ था. मुस्तफा शिया समुदाय था. पुलिस ने मुस्तफा के फोन से एक आपत्तिजनक फोटो बरामद की थी, जिसकी वजह से उसे मौत की सजा दे दी गई. (फोटो साभार- Supplied)
सऊदी अरब पुलिस के मुताबिक, मुस्तफा को उसके दो साथियों के साथ साल 2015 में पहली बार गिरफ्तार किया गया था. उसके मोबाइल में जो फोटो थी, वो देश की सुरक्षा के लिए खतरा थी. मुस्तफा करीब 10 दंगों में शामिल हुआ था. (फोटो साभार- Supplied)
गौरतलब है कि मौत से पहले मुस्तफा ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि 6 साल तक उसके ऊपर मौत की तलवार लटकती रही. पुलिस के टॉर्चर से तंग आकर उसने अपना गुनाह कबूल किया. (फाइल फोटो- रॉयटर्स)
मुस्तफा के परिजनों ने कहा कि उनके बेटे को मार दिया जाना पूरे परिवार के लिए मौत के जैसा है. सभी का रो-रोकर बुरा हाल है. फोन में सिर्फ एक आपत्तिजनक फोटो होने की वजह से उसे मौत के घाट उतार दिया गया. (प्रतीकात्मक फोटो- रॉयटर्स)
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