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बारिश के मौसम में तड़कती बिजली के बीच आसमान से आ रही Stadium के साइज की आफत

एक विशाल ऐस्टरॉइड (Asteroid) बहुत तेज गति के साथ धरती की तरफ बढ़ रहा है. यह आकार में एक स्टेडियम जितना बड़ा है. इसी वजह से अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी (NASA) के वैज्ञानिक लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं. वैज्ञानिकों ने इस ऐस्टरॉइड को '2008Go20' नाम दिया है, जो 24 जुलाई की देर रात धरती के नजदीक से गुजरेगा.

8 KMPH की स्पीड से आ रहा ऐस्टरॉइड

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8 KMPH की स्पीड से आ रहा ऐस्टरॉइड

अंतरिक्ष से धरती की तरफ ये मुसीबत 8 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही है. ये स्पीड इतनी ज्यादा है कि अगर कोई ग्रह या वस्तु ऐस्टरॉइड से टकराए जाए भयंकर तबाही मच सकती है. 

स्टेडियम के जितना बड़ा ऐस्टरॉइड

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स्टेडियम के जितना बड़ा ऐस्टरॉइड

हालांकि 220 मीटर चौड़ा (चीन के बर्ड नेस्ट स्टेडियम के बराबर) ये ऐस्टरॉइड धरती से करीब 2870847.607 km की दूरी से निकलेगा. ये दूरी धरती से चांद की दूरी से करीब 8 गुना ज्यादा है.

धरती से टकराने का चांस कम, लेकिन...

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धरती से टकराने का चांस कम, लेकिन...

डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, अधिक दूरी होने के कारण इस ऐस्टरॉइड के धरती से टकराने का चांस बहुत कम है. लेकिन जिस कक्षा से यह एस्टेरॉयड गुजरेगा, उसे अपोलो कहा जाता है. नासा ने इसे खतरनाक ऐस्टरॉइड की श्रेणी में रखा है. इसलिए उस पर लगातार नजर रखी जा रही है.

पहले भी धरती के पास से गुजरा है ऐस्टरॉइड

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पहले भी धरती के पास से गुजरा है ऐस्टरॉइड

जानकारी के अनुसार, इससे पहले धरती की कक्षा से ऐस्टरॉइड 2020 PMZ गुजरा था, जो सैन फ्रांसिस्को के गोल्डन गेट ब्रिज जितना लंबा था. ये एस्टेरॉयड करीब 18 लाख मील की दूरी से धरती के बगल से निकला था.

ऐस्टरॉइड बदल देते हैं अपना रास्ता

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ऐस्टरॉइड बदल देते हैं अपना रास्ता

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब अंतरिक्ष में घूमने वाला कोई पत्थर सूरज की गर्मी से अपने रास्ते में थोड़ा बदलाव करता है, तो उसे यार्कोवस्की प्रभाव कहते हैं. दिशा बदलते ही ऐस्टरॉइड की गति में भी बदलाव आ जाता है. कई बार यह कम हो जाती है. कई बार यह तेज हो जाती है. जो अंतरिक्ष में उस ऐस्टरॉइड की तरफ आने वाली वस्तुओं के लिए खतरनाक होती है.

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