मिचेल बेंसन ही किलर है, अब इस बात को भी साबित नहीं किया जा सकता. और ये केस हमेशा के लिए अनसॉल्व्ड मिस्ट्री बनकर ही रह जाएगी, जिसका कोई अंत नहीं हुआ.
लंदन: बीवी के संदिग्ध कातिल पति को अब हत्या के दाग से मुक्ति मिल सकती है, जो उसे कभी की ही नहीं थी. ब्रिटेन का ये मामला जुड़ा है पीटर हेरोन से, जिनकी पत्नी ऐन हेरोन की 1990 में हत्या हो गई थी. ये कहानी है पुलिस वालों की जल्दबाजी की, उनकी नाकामी की. इसके साथ ही एक बेगुनाह व्यक्ति की जिंदगी के तीन दशक एक कातिल बनकर जीते रहने की. उसकी आखिरी इच्छा है कि उसे मरने से पहले अपनी बीवी के कत्म के इल्जाम से मुक्त कर दिया जाए.
ब्रिटेन में 1990 की गर्मियों के सबसे गर्म दिनों में से एक के दिन ऐन हेरोन अपने गार्डन में बैठी हुई थी. वो धूप का मजा ले रही थी और हल्की हल्की चल रही हवाओं का भी. लेकिन कुछ ही देर बाद उनके चेहरे पर ताबड़तोड़ हमला हुआ. हर तरफ खून ही खून बिखरा था. और वो छोड़ दी गई थी, धीरे धीरे मरने के लिए.
इस मामले में पुलिस को पहला और आखिरी शक गया उस समय 56 साल के रहे पीटर हेरोन पर. क्योंकि जांच में पता चला कि वो करीब 10 महीने से एक बार गर्ल के चक्कर में अपनी बीवी को धोखा दे रहे थे. हालांकि पीटर हेरोन बार बार चिल्लाए, कि मैंने अपनी बीवी का कत्ल नहीं किया. लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी. क्योंकि पुलिस पहले से ही एक थ्योरी बना चुकी थी और उसने अपनी इन्वेस्टिगेशन में मान लिया था कि पीटर ही ऐन के कातिल हैं.
साल 1996 में पुलिस को ललकारते हुए एक चिट्ठी लिखी गई थी. जिसमें 'द किलर' ने दावा किया था कि उसे पकड़ सको, तो पकड़ लो. चूंकि ऐन की हत्या वाले दिन ये पता चला था कि उसके तुरंत बाद वहां से एक व्यक्ति गुजरा था. जो नीली फोर्ड कार में था. और उसने सड़क पर एक गाड़ी का एक्सीडेंट भी किया था. लेकिन तमाम कोशिशों और पूरे इंग्लैंड की 3000 से ज्यादा नीली फोर्ड कार के मालिकों से पूछताछ करने के बाद भी पुलिस रोड एक्सीडेंट के उस मामले को खोल पाने में नाकाम रही. हालांकि दोनों ही मामले अलग अलग चल रहे थे और दोनों के ही आपस में कोई तार नहीं जुड़े थे. लेकिन 'द सन' की रिपोर्ट के मुताबिक उस कार वाले व्यक्ति, और ऐन का मर्डर करने वाला व्यक्ति, दोनों एक ही थे. और इसका नाम था मिचेल बेंसन. जिसकी पूर्व पत्नी ने उसकी लिखावट की पहचान की है.
पीटर हेरोन अब 86 साल के हो चुके हैं. उनकी एक ही इच्छा है, जो अब शायद पूरी हो जाए. दरअसल, इस पूरे मामले की कई बार जांच हो चुकी है. साल 2005 में ये इकलौता केस था डरहम पुलिस के पास, जो अनसॉल्व्ड था. इसके बाद इस केस की जांच की गई, लेकिन कुछ नहीं मिला. और फिर साल 2016 में ऐसी ही परिस्थितियां बनी. जिसके बाद क्रिमिनोलॉजिस्ट जेन जैर्वी ने फिर से केस की गुत्थियां सुलझाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी. उन्होंने मुफ्त में ही इस केस की जांच की है. और उन्होंने बताया कि इस केस में पुलिस ने भयंकर गलतियां की हैं. और इस सबसे बड़े सबूत को पुलिस ने नजरअंदाज किया.
पीटर हेरोन उस दिन दफ्तर में थे. और एक मीटिंग में हिस्सा लेने के बाद वो घर पहुंचे थे. उन्होंने कपड़े तक नहीं बदले थे. उनके सहकर्मियों ने भी ऐसी ही गवाही दी थी. इसे 'Cast-Iron Ilibi' कहते हैं. इसका मतलब हुआ कि अगर किसी क्राइम के समय सस्पेक्ट कहीं और मौजूद था, तो वो क्राइम में शामिल हो ही नहीं सकता. लेकिन पुलिस ने इस मामले में इस तथ्य को पूरी तरह से नजरअंदाज किया.
मिचेल बेंसन ही किलर है, अब इस बात को भी साबित नहीं किया जा सकता. और ये केस हमेशा के लिए अनसॉल्व्ड मिस्ट्री बनकर ही रह जाएगी, जिसका कोई अंत नहीं हुआ. क्योंकि मिचेल बेंसन की 60 साल की उम्र में अपने ही घर में मौत हो चुकी है और अब पुलिस केस को नए सिरे से फाइल करके पीटर से माफी मांगने की तैयारी कर रही है. लेकिन मिचेल के बारे में जानना इसलिए भी जरूरी हो जाता है, क्योंकि वो ऐन की हत्या से 10 महीने पहले ही जेल से फरार हुआ था. और रुथ नाम की लड़की से अपनी पहचान और पेशा बदलकर शादी कर ली थी. उस दिन वो रूथ के घर से उनकी नीली फोर्ड कार और 30 हजार पाउंड का कर्ज लेकर फरार हो गया था. रूथ को भी पता नहीं है कि बेंसन की साल 2011 में मौत हो चुकी है. रुथ अब शादी कर चुकी हैं और 62 साल की हैं, लेकिन पिछले 30 साल से वो इस डर में जी रही हैं कि कब बेंसन आ धमके और उसपर अपनी बीवी होने का दावा ठोंक दे.
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