PM मोदी समेत 48 विश्व नेताओं ने यौन शोषण के खिलाफ UN के अभियान का किया समर्थन
Advertisement

PM मोदी समेत 48 विश्व नेताओं ने यौन शोषण के खिलाफ UN के अभियान का किया समर्थन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 48 विश्व नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस के बयान का समर्थन करते हुए यौन शोषण के खिलाफ अभियान में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस.(फाइल फोटो)

संयुक्त राष्ट्र: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 48 विश्व नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस के बयान का समर्थन करते हुए यौन शोषण के खिलाफ अभियान में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा अभियान अफ्रीकी देशों में यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहा है.  साल 2017 में गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र कर्मियों द्वारा यौन शोषण को रोकने तथा खत्म करने का अभियान शुरू किया था. मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे समेत विश्व नेताओं तथा संयुक्त राष्ट्र की 21 संस्थाओं ने संयुक्त राष्ट्र के सभी निकायों तथा सेना, पुलिस और असैन्य कर्मियों की सभी श्रेणियों में यौन शोषण के खिलाफ अभियान को मजबूत करने की रणनीति को लागू करने के लिए महासचिव के साथ मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता जताई.

नेताओं और संस्थाओं ने संयुक्त बयान के समर्थन में कहा, ‘‘हम यौन शोषण के लिए जीरो टोलरेंस हासिल करने में अपनी इस भागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल देते हैं.  साथ ही हम यौन शोषण के लिए बिल्कुल भी बर्दाश्त ना करने की नीति को वास्तविकता में बदलने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते है.  यह बेहद जरुरी और अनिवार्य है कि दुनियाभर में संयुक्त राष्ट्र की प्रभावशीलता तथा विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया जाए.’’ 

UN की रिपोर्ट में खुलासा, हर 3 मिनट में एक किशोरी HIV से पीड़ित हो रही है
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में बताया गया कि हर तीन मिनट में 15 से 19 साल की एक लड़की ऐसे संक्रमण की चपेट में आती है जिससे एड्स होता है. रिपोर्ट में चेताया गया है कि यह संकट लैंगिक समानता की वजह से बढ़ रहा है. एम्सटर्डम में 22 वें एड्स सम्मेलन में जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक , 2017 में एचआईवी पीड़ित लोगों की संख्या में 15 से 19 साल की दो तिहाई लड़कियां थीं.

यूनिसेफ प्रमुख हेनरिटा फ़ोर ने इसे ‘ स्वास्थ्य का संकट ’ बताया है. उन्होने कहा कि अधिकतर देशों में महिलाओं और लड़कियों के पास जानकारी और सेवाओं का अभाव रहता है. वे असुरक्षित यौन संबंधों से इनकार नहीं कर सकती हैं. फोर ने कहा कि एचआईवी कमजोर और हाशिये पर पड़े तबके में फैल रहा है जिसके केंद्र में किशोरियां हैं. एजेंसी ने कहा कि पिछले साल 19 साल या इससे कम उम्र की 130,000 लड़कियों की मौत एड्स से हुई थी , जबकि 430,000 लोग इसके संक्रमण से संक्रमित हुए थे यानी हर घंटे 50 लोगों को एड्स का संक्रमण हुआ था.

 

Trending news