PM Modi Moscow Visit: भारत और रूस के संबंध हाल के वर्षों में बेहद मजबूत हुए हैं. दुनिया के कई देशों ने अमेरिका के प्रेशर में आकर रूसी तेल खरीदना कम किया लेकिन भारत ने कभी ऐसा नहीं किया. अब पीएम मोदी के रूस दौरे पर दुनिया की नजर है. इस बीच क्रेमलिन ने बड़ा दावा किया है.
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PM Modi Putin Meeting: शीत युद्ध भले ही गुजरे जमाने की बात हो पर दुनिया आज भी रूस और अमेरिका के खेमों में बंटी दिखती है. ऐसे में दोनों खेमे अपनी ताकत और बड़ा गठजोड़ दिखाने की कोशिश करते रहते हैं. हालांकि भारत कभी इस गुटबाजी में नहीं रहा, उसने देशहित में फैसले लिए हैं. ऐसे में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस जा रहे हैं तो क्या पश्चिमी देशों खासकर अमेरिका को ईर्ष्या हो रही है? रूस तो ऐसा ही सोचता है.
जी हां, प्रधानमंत्री मोदी की मॉस्को यात्रा को लेकर रूस बेहद उत्सुक है. वह इस यात्रा को रूस और भारत के संबंधों के लिए काफी महत्वपूर्ण मानता है. पीएम के मॉस्को पहुंचने से पहले रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने एक बड़ा दावा किया है. पेस्कोव ने कहा कि पश्चिमी देश इस यात्रा को ‘ईर्ष्या’ से देख रहे हैं. रूस का इशारा मुख्य रूप से अमेरिका की तरफ ही है. दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के समय अमेरिका चाह रहा था कि भारत उसकी बात माने और रूस की आलोचना करे. हालांकि भारत ने उसकी हां में हां नहीं मिलाया.
रूस में कैसी है तैयारी, देखिए
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. वह आज और कल मॉस्को में रहेंगे. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया है कि दोनों नेता दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों की समीक्षा करेंगे और आपसी हितों के समकालीन क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे. आगे वीडियो देखिए पीएम के दौरे के लिए मॉस्को में कैसे विशेष तैयारियां चल रही हैं.
Watch: Preparation for PM Modi's visit to Russia has started. Artists are preparing for the art and cultural activities. Prime Minister Narendra Modi will be flying to Moscow on Monday for a two-day visit pic.twitter.com/sxF8EWs65O
— IANS (@ians_india) July 7, 2024
पेस्कोव ने रूस के सरकारी टेलीविजन ‘वीजीटीआरके’ के साथ इंटरव्यू में कहा कि मॉस्को में दोनों नेता दूसरे कार्यक्रमों के अलावा अनौपचारिक बातचीत भी करेंगे. उन्होंने कहा, ‘जाहिर है कि अगर इसे अति व्यस्त न भी कहा जाए तो भी एजेंडा व्यापक होगा. यह एक आधिकारिक यात्रा होगी और हमें उम्मीद है कि दोनों नेता अनौपचारिक तरीके से भी बातचीत कर सकेंगे.’ पीएम मोदी और पुतिन के बीच दो दशकों से भी ज्यादा लंबा साथ रहा है. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय भी मोदी मॉस्को गए थे और दोनों नेताओं के बीच काफी गर्मजोशी देखी जाती है.
मोदी के दौरे पर पश्चिम की नजर
पेस्कोव ने कहा कि रूस और भारत के बीच संबंध रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर हैं. सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने पेस्कोव के हवाले से कहा, ‘हम एक अति महत्वपूर्ण यात्रा की उम्मीद कर रहे हैं जो रूस-भारत संबंधों के लिए बहुत अहम है.’ पेस्कोव ने इस बात पर भी जोर दिया कि पश्चिमी देश प्रधानमंत्री मोदी की आगामी रूस यात्रा पर करीब से और ईर्ष्या से नजर रख रहे हैं.
मोदी की रूस यात्रा के प्रति पश्चिमी देशों के नेताओं के रवैये के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में पेस्कोव ने कहा, ‘वे ईर्ष्यालु हैं, इसका मतलब है कि वे इस पर करीब से नजर रख रहे हैं. उनकी करीबी निगरानी का मतलब है कि वे इसे बहुत महत्व देते हैं.’ (भाषा से इनपुट के साथ)