नेपाल में लोग चीन की हरकतों से तंग आ गए हैं. चीन द्वारा नेपाल की सीमा क्षेत्र में लगातार किए जा रहे अतिक्रमण के खिलाफ बोलने के लिए अब ओली पर दबाव बढ़ने लगा है.
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काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार लोगों के विरोध का सामना कर रही है. चीन के मामलों पर ओली का मौन नेपाल में लोगों को अखरने लगा है. नेपाल में लोग चीन की हरकतों से तंग आ गए हैं. चीन द्वारा नेपाल की सीमा क्षेत्र में लगातार किए जा रहे अतिक्रमण के खिलाफ बोलने के लिए अब ओली पर दबाव बढ़ने लगा है. हाल की रिपोर्टों के मुताबिक, चीन ने हुमला जिले में नेपाली क्षेत्र पर अतिक्रमण कर लिया है. चीन ने यहां बाउंड्री पिलर नंबर 12 बन लिया है. हैरत की बात यह है कि चीन ने इस बाबत नेपाल को सूचना भी नहीं दी जबकि द्विपक्षीय समझौते के बिना बाउंड्री पिलर का निर्माण नहीं किया जा सकता.
नेपाली सांसद ने खोली पोल
नेपाल के सांसद जीवन बहादुर शाही के नेतृत्व में नेपाली कांग्रेस की एक टीम और नेपाल के विपक्षी दल ने हाल ही में नेपाल की उत्तरी सीमा का दौरा किया था. उन्होंने वहां 11 दिन बिताए और पाया कि नेपाली क्षेत्र के अंदर पिलर नंबर 12 क्षतिग्रस्त था और बिना किसी को सूचना दिए चीन ने इसे फिर से बना लिया.
ओली की पार्टी के नेता भी खुल कर बोल रहे
इतना ही नहीं ओली की अपनी पार्टी और सरकार के लोग भी नेपाल के हमला जिले में चीन द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण पर खुलकर बोल रहे हैं. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने चीन पर नेपाली क्षेत्र में अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है और सरकार से सच्चाई का पता लगाने के लिए एक टीम गठित करने की अपील की है, जो स्थलीय निरीक्षण करे।
हालांकि नेपाल में ओली प्रशासन इस बात से लगातार इनकार करता रहा है कि चीन ने नेपाली क्षेत्र पर अतिक्रमण किया है. सत्ताधारी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता भीम रावल ने सोमवार को सरकार से नेपाल-चीन सीमा मुद्दे के बारे में तथ्य सार्वजनिक करने की अपील की है.
चीनी सैनिकों ने किया हमला
सांसद जीवन बहादुर शाही ने दावा किया है कि इस पिलर निर्माण के साथ ही चीन नेपाल क्षेत्र में डेढ़ किलोमीटर अंदर प्रवेश घुस गया है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि जब सीमा पार निरीक्षण के दौरान उनकी टीम पिलर नंबर 11 पर पहुंची, तो चीनी सैनिकों ने उन्हें निशाना बनाते हुए आंसू गैस के गोले दागे.
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