Uygur नरसंहार पर Canada के निचले सदन में प्रस्ताव पास, गैर-हाजिर रहे Justin Trudeau और उनके मंत्री
Advertisement

Uygur नरसंहार पर Canada के निचले सदन में प्रस्ताव पास, गैर-हाजिर रहे Justin Trudeau और उनके मंत्री

वीगर (Uygur)  मुसलमानों पर अत्याचार कर रहे चीन (China) के खिलाफ दुनिया में आवाजें तेज होती जा रही हैं. कनाडा के निचले सदन में इस संबंध में प्रस्ताव पास किया गया है.

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फाइल फोटो)

टोरंटो: कनाडा (Canada) के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमंस’ में चीन (China) को पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में 10 लाख से अधिक वीगर (Uygur) मुस्लिमों के जनसंहार का दोषी घोषित करने के लिए मतदान हुआ. हालांकि कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) और उनकी कैबिनेट के सदस्य इस मतदान में शामिल नहीं हुए.

  1. निचले सदन में पास हुआ प्रस्ताव
  2. ट्रूडो सरकार ने बनाई वोटिंग से दूरी
  3. विपक्षी दलों ने प्रस्ताव का स्वागत किया

निचले सदन में पास हुआ प्रस्ताव

निचले सदन में पेश इस प्रस्ताव के समर्थन में सोमवार को 266 वोट पड़े और एक भी मत इसके खिलाफ नहीं पड़ा. इस मतदान में ट्रूडो (Justin Trudeau) और उनके कैबिनेट कैबिनेट सदस्यों ने हिस्सा नहीं लिया. इस प्रस्ताव में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को 2022 के शीतकालीन ओलंपिक के आयोजन को बीजिंग से हटाने का आह्वान किया गया है.

ट्रूडो सरकार ने बनाई वोटिंग से दूरी

कनाडा  (Canada) के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि देश के विदेश मंत्री इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष स्पष्ट करेंगे. उन्होंने कहा कि संसद में कुछ घोषित करने से चीन में पर्याप्त परिणाम नहीं निकलेंगे. इसके लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों और साझेदारों के साथ काम करने की जरूरत है.

विपक्षी दलों ने प्रस्ताव का स्वागत किया

वहीं विपक्षी दलों ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है. निचले सदन में विपक्षी दलों की सीटें अधिक हैं. निचले सदन में ट्रूडो की लिबरल पार्टी (Liberal Party) के 154 सांसद हैं. जिनमें से ट्रूडो (Justin Trudeau) समेत 37 सांसद मंत्री हैं. विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के नेता एरिन ओ टुले ने कहा है कि चीनी शासन को संदेश भेजना आवश्यक है.

ये भी पढ़ें- उइगर मुसलमानों पर अत्याचार को लेकर घिरा चीन, ट्रंप ने दी प्रतिबंध लगाने की मंजूरी

वीगर मुसलमानों का उत्पीड़न कर रहा है चीन

यह मतदान वीगर (Uygur) मुस्लिमों दूसरे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराने का हालिया प्रयास है. हालांकि चीन इन आरोपों का खंडन करता रहा है. उसने जोर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और अलगाववादी आंदोलन के खिलाफ ये कदम उठाए जा रहे हैं.

LIVE TV

Trending news