Bangladesh Violence: बांग्लादेश में नई सरकार के आने के साथ ही हिंदुओं के खिलाफ हिंसा तेज हो गई है. कट्टरपंथी हिंदू बहन बेटियों के साथ अत्याचार कर रहे हैं. हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भड़काने के पीछे आग में घी डालने का काम यहां के कट्टरपंथी मौलाना कर रहे हैं.
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Violence against Hindus in Bangladesh: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा के खिलाफ वहां की सरकार के साथ साथ कट्टरपंथी मौलानाओं का हाथ है. ये जहरीले मौलाना अपनी तकरीरों में हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं. बांग्लादेश को सिर्फ मुसलमानों का राष्ट्र बता रहे हैं और इसके साथ ही हिंदुस्तान पर कब्जे का ख्वाब देख रहे हैं. बांग्लादेश में नई सरकार के आने के साथ ही हिंदुओं के खिलाफ हिंसा तेज हो गई है. कट्टरपंथी हिंदू बहन-बेटियों के साथ अत्याचार कर रहे हैं. मंदिर को तोड़ रहे हैं और उन्हें आग के हवाले किया जा रहा है. हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भड़काने के पीछे आग में घी डालने का काम यहां के कट्टरपंथी मौलाना कर रहे हैं.
बांग्लादेश के कट्टरपंथी मौलानाओं की हिंदुस्तान के खिलाफ नफरती सोच
मौलाना हसन जमील एक कट्टरपंथी हिंदू-विरोधी इस्लामिक मौलवी है, जो हिंदुस्तान के खिलाफ नफरत वाली भाषा बोल रहा है. मौलाना हसन जमील भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने और लाल किले पर इस्लामी झंडा फहराने का सपना देखता है. उसने बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले की धमकी भी दी है. हसन जमील ने कहा, 'तुम्हें डरने की जरूरत नहीं है, अल्लाह ने कहा है तुम्हारे दुश्मन खत्म होंगे, हमारा ये विश्वास है. ऐ भारत सुन, तुम्हारा विनाश निश्चित है. ऐ इजरायल सुन, तेरा विनाश निश्चित है. हमें हथियार की जरूरत नहीं है, हम अल्लाह की कसम खाते हैं. हम हमेशा सपना देखते हैं कि हम एक दिन दिल्ली के लाल किले पर इस्लामी झंडा फहराएंगे. मुसलमान तुम्हारे परमाणु हथियार पर विश्वास नहीं करते, मुस्लिम सिर्फ अल्लाह पर विश्वास रखते हैं. हम लड़ेंगे, हम कब्जा करेंगे, हम भारत पर कब्जा करेंगे.
सोचिए ये कट्टपरपंथी मौलाना हिंदुस्तान पर कब्जे का ख्वाब देखते हैं. इनके अंदर भारत और हिंदुओं के खिलाफ कितनी नफरत है. तो ये बांग्लादेश के हिंदुओं के साथ क्या करते होंगे. बांग्लादेश के कुश्तिया जिले में कट्टरपंथियों ने काली माता मंदिर में हमला बोला है और मूर्तियों को तोड़ दिया है. दंगाई मंदिर में लगी लाइटें भी उखाड़ ले गए हैं. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया रोहिंग्या मुसलमानों के हितों की रक्षा की बात तो करते हैं, लेकिन हिंदुओं पर हमले और कट्टरपंथी मौलानाओं पर लगाम लगाने नाकाम साबित हो रहे हैं.
हिंदुओं को मिटाने की बात कर रहा मौलाना नूर हसन
हिंदू-विरोधी जहर उगलने वाला हसन जमील अकेला नहीं है. एक और कट्टरपंथी मौलाना नूर हसन बांग्लादेश से हिंदुओं को मिटाने की बात कर रहा है. बांग्लादेश में मुसलमानों के अलावा किसी को ना रहने देने की तकररीर कर रहा है. हिंदुओं को धर्म परिवर्तन की धमकी दे रहा है. नूह हसन ने कहा, '2040 के बाद बांग्लादेश में इस्लाम के अलावा कोई नहीं बचेगा. धर्म परिवर्तन कर लो. बांग्लादेश पूरी तरह से मुस्लिम देश होगा. इंशाअल्लाह!'
बांग्लादेश में अब कट्टरपंथियों का शासन
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के पीछे की स्क्रिप्ट कई जहरीले मौलाना ने मिलकर लिख रहे हैं...त्योहार को लेकर हिंदू-मुसलमान में नफरत की बारूद की लकीर खींची गई. जहरीली तकरीरों के जरिए आंखों में खून भरा गया, जो तख्तापलट के बाद बाहर आया और पूरा बांग्लादेश जल उठा. मौलाना जुनैद अल हबीब ने कहा है, 'आज तक कोई भी हिंदू, मुसलमानों के त्योहार में नहीं दिखा. मुसलमानों के किसी भी त्योहार में शामिल होने कोई भी हिंदू कभी नहीं आया. तुम्हारे साथ किसी भी हिंदू ने एक भी दिन रोजा नहीं रखा. एक हिंदू कभी भी तुम्हारे ईद की नमाज में नहीं आया. हिंदू कभी भी तुम्हारे साथ जुमे की नमाज में नहीं आया. तुमको दिखाने के लिए भी नहीं आया, क्योंकि हिंदू मानते हैं कि ये मुसलमानों का त्योहार है लेकिन तुम मुसलमान होकर भी हिंदुओं के दुर्गा पूजा में क्यों चले गए. क्या तुमने लाज शर्म छोड़ दिया है.'
हिंदुओं के साथ ही भारत के खिलाफ भी जहर
बांग्लादेश में कट्टरपंथी मौलानाओं के निशाने पर केवल हिंदू और उनके पूजास्थल ही नहीं है. इनकी जहरीली तकरीरों में हिंदुस्तान का भी जिक्र होता है.आजादी के प्रतीकों को मजहब से जोड़ा गया. हिंदुओं के साथ ही भारत के खिलाफ भी जहर उगला जा रहा है. मौलाना जुनैद अल हबीब का कहना है, 'भारत का लाल किला हमने बनाया है. मयूस सिंहासन हमने बनाया है. भारत की आजादी के लिए हमने अपना खून बहाया था. वो देश हमारा है. तुम देशभक्ति के लिए स्लोगन देते हो. मंत्री हमारी आवाज सुन न पाए. तख्तापलट करने में हमें वक्त नहीं लगता है.'
ऐसे मौलानाओं ने ही बांग्लादेश में तख्तपलट में भी अहम भूमिका निभाई. ये स्वाधीनता और मजहब को एक दूसरे का पूरक बताते थे. हिंसा को जरूरी बताते थे. एक खास तबके के दिमाग में ये जहर घोला गया कि मजहब की हिफाजत करके ही स्वाधीनता बनाया रखा जा सकता है. हुआ भी वही, तख्तापलट के साथ ही हिंदुओं के खिलाफ हिंसा शुरु हो गई.
#BreakingNews : बांग्लादेश में काली माता मंदिर में तोड़फोड़ की गई, दंगाइयों ने की मंदिर में लूटपाट#BangladeshCrisis #Temple #BangladeshHindus #Bangladesh | @priyasi90 pic.twitter.com/KhHzI92YDV
— Zee News (@ZeeNews) August 20, 2024
मौलाना जुनैद अल हबीब का कहना है कि इस्लाम की वजह से स्वाधीनता है और स्वाधीनता की वजह से इस्लाम है. बांग्लादेश के मौलाना हिंदुओं को इस्लाम कबूल करने की धमकी दे रहे हैं. हिंदू समुदाय और हिंदू बाहुल गांवों के लिए तालिबानी फरमान जारी हो रहे हैं. हिंदुओं को शादी या जन्मदिन के कार्यक्रम में डीजे ना बजाने की धमकी दी गई है. संगीत और डीजे बजाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही सभी को इस्लामी कानून मानने की धमकी दी गई है. कट्टरपंथी मौलाना ये तकरीर कर रहे हैं कि इस्लाम को नहीं मानने वाले देश के दुश्मन हैं. मौलाना ममुनूल हक का कहना है, 'राजपथ पर जब हमारे बच्चों ने संग्राम किया उसके समय इन्होंने अपना खून दिया है. अब हमारा वक्त आ गया है. अल्लाह हु अकबर के नारों के साथ हमने राजपथ पर नमाज अता की है. देश को साफ मैसेज दे दिया है कि बांग्लादेश में अल्लाह को नहीं मानने वालों के लिए कोई जगह नहीं है.
बता दें कि बांग्लादेश में हिंदू डरे हुए हैं. सरकार उनकी सुरक्षा का सिर्फ दिखावा कर रही है. जमीन पर हिंदू बहन बेटियां और मंदिर सुरक्षित नहीं. उन्हें तोड़ा जा रहा है और जलाया जा रहा है. बांग्लादेश का हिंदू सरकार से गुहार लगा रहा है. बांग्लादेश में कोहराम मचा हुआ है और आए दिन हिंदुओं की हत्याओं की खबरें सामने आ रही हैं. तो दूसरी तरफ ये भड़काऊ मौलाना जहर उगलने में लगे हैं.
5 अगस्त से भारत में हैं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना
बता दें कि बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन और अराजकता के बीच शेख हसीना हार गईं और उन्हें इस्तीफा देने के साथ ही देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. 5 अगस्त को बांग्लादेश छोड़कर शेख हसीना भारत आ गई थीं और इसके बाद से ही भारत में मौजूद हैं. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अपनी बहन के साथ गाजियाबाद में हिंडन एयरबेस के सेफ हाउस में रुकी हुई हैं. पहले बताया जा रहा था कि वो भारत के रास्ते ब्रिटेन जा सकती हैं, लेकिन ब्रिटेन द्वारा राजनीतिक शरण देने से मना करने के बाद अभी भारत में ही हैं.
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