राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना द्वारा नये प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद राजपक्षे का यह पहला सार्वजनिक बयान था.
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कोलंबो: श्रीलंका के नव नियुक्त प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने देश को आर्थिक एवं राजनीतिक संकट से उबारने वाले एक नये कार्यक्रम के लिए लोगों को मतदान करने का मौका देने की खातिर रविवार को मध्यावधि संसदीय चुनाव का आह्वान किया. राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना द्वारा नये प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद राजपक्षे का यह पहला सार्वजनिक बयान था. शुक्रवार की रात को राष्ट्रपति ने रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त करने के बाद राजपक्षे को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया.
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे साथ आए राजनीतिक दल के नेताओं एवं सांसदों का मुख्य उद्देश्य तत्काल प्रांतीय परिषद चुनाव कराना है जोकि लगातार टाले गए हैं और साथ ही जितनी जल्दी संभव हो, उतनी जल्दी संसदीय चुनाव कराना है ताकि लोगों को देश के सामने मौजूद आर्थिक, राजनीतिक एवं सामाजिक संकट से बाहर निकालने के लिए कार्यक्रम की खातिर मतदान करने का मौका मिले. ’’
राजपक्षे के सत्ता में लौटने के साथ देश में तीन साल से ज्यादा समय से चल रही गठबंधन सरकार का अंत हो गया जिसका गठन सिरीसेना और विक्रमसिंघे ने भ्रष्टाचार एवं वित्तीय गड़बड़ियों से लड़ने का वादा करते हुए किया था. राजपक्षे ने विक्रमसिंघे के कथित कुशासन पर ध्यान दिलाते हुए कहा, ‘‘रुपये का मूल्य खतरनाक तरीके से गिर रहा है. रेटिंग एजेंसियां हमारे देश को निचले पायदान पर रख रही हैं.
लोग रहन सहन के लगातार बढ़ते खर्च से हलकान हैं. ’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की पार्टी विक्रमसिंघे के साथ वाली एकता सरकार से हट गयी जिसके बाद सिरीसेना ने उन्हें प्रधानमंत्री का पद स्वीकार करने का निमंत्रण दिया.
इनपुट भाषा से भी