Russia Ukraine War: 'विनाशलीला' के लिए अब जेलेंस्की भी तैयार, हासिल किया खतरनाक Cluster Bomb; टेंशन में आए पुतिन!
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Russia Ukraine War: 'विनाशलीला' के लिए अब जेलेंस्की भी तैयार, हासिल किया खतरनाक Cluster Bomb; टेंशन में आए पुतिन!

Cluster Bomb: यूक्रेन (Ukraine) को क्लस्टर बम (Cluster Bomb) मिलने से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) टेंशन में आए गए हैं. आइए जानते हैं कि क्लस्टर बम कितना खतरनाक है.

Russia Ukraine War: 'विनाशलीला' के लिए अब जेलेंस्की भी तैयार, हासिल किया खतरनाक Cluster Bomb; टेंशन में आए पुतिन!

Russia Ukraine War Latest Update: अमेरिका, यूक्रेन (Ukraine) को क्लस्टर बम (Cluster Bomb) देने जा रहा है जिसे लेकर काफी विवाद हो रहा है. इसी बीच अमेरिकी सेना ने Cluster Bomb ट्रेनिंग का एक वीडियो जारी किया है. अमेरिकी सेना की ये ट्रेनिंग बेहद खतरनाक है. घातक है. इस ट्रेनिंग में इस्तेमाल किए जा रहे बम इतने विनाशकारी हैं कि वो जिनेवा कन्वेंशन के तहत प्रतिबंधित हैं. इन्हें Cluster Bomb कहते हैं.

कितना खतरनाक है Cluster Bomb?

ये बम हवा में खुलते हैं और कई छोटे बम छोड़ते हैं. रिलीज किए गए काफी बम अक्सर फटते नहीं हैं और बाद में आम नागरिकों की मौतों का कारण बनते हैं. अमेरिका ने इन्हीं बम को यूक्रेन को देने की मंजूरी दे दी है, जिससे यूक्रेन तो खुश है लेकिन नाटो देशों ने इस फैसले पर चिंता जताई है.

तुर्की से ये खास चीज लाए जेलेंस्की

बता दें कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की तुर्की दौरे से यूक्रेन लौट आए हैं. जेलेंस्की तुर्की से अपने साथ पूर्व गैरीसन के पांच कमांडरों भी लाए हैं. रूस-यूक्रेन के बीच पिछले 16 महीने से युद्ध जारी है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को पश्चिमी देशों से यूक्रेन पर हमला करने के कारण काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है. लेकिन पुतिन यूक्रेन पर लगातार हमले किए जा रहे हैं.

रूसी के हमले के आगे नहीं पाए टिक

और इसी युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने तुर्की की यात्रा की और वापस लौटते वक्त अपने साथ मारियुपोल में यूक्रेन के पूर्व गैरीसन के पांच कमांडरों को लाए, जिन्हें पिछले साल कैदी के आदान-प्रदान की शर्तों के तहत तुर्की में रहने के लिए मजबूर किया गया था. ये वो कमांडर हैं जो पिछले साल मरियुपोल के पोर्ट की रक्षा कर रहे थे लेकिन रूसी के हमले के आगे ये टिक नहीं पाए और इन्हें सरेंडर करना पड़ा था.

लेकिन पिछले साल रूस ने अंकारा का मध्यस्थता में कैदियों की अदला-बदली में उनमें से कुछ को उन शर्तों के तहत मुक्त कर दिया था, जिनके तहत कमांडरों को युद्ध के अंत तक तुर्की में रहना जरूरी था. हालांकि, जेलेंस्की ने इनकी रिहाई को लेकर कोई आधिकारिक बयान अब तक नहीं  दिया है.

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