यूक्रेन को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस और अमेरिका का आमना-सामना हुआ. इस दौरान अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने रूसी राजदूत वासिली नेबेंजिया के इस आरोप को खारिज कर दिया कि वाशिंगटन संकट पर सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाकर कूटनीति का उपयोग करने की कोशिश कर रहा है.
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न्यूयॉर्कः यूक्रेन को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस और अमेरिका का आमना-सामना हुआ. जहां मास्को यूक्रेन की सीमाओं के पास सेना की तैनाती और पश्चिमी देशों द्वारा हमले की आशंका को लेकर एक खुली बैठक को अवरुद्ध करने के प्रयास में सफल नहीं हो सका.
अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने रूसी राजदूत वासिली नेबेंजिया के इस आरोप को खारिज कर दिया कि वाशिंगटन संकट पर सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाकर कूटनीति का उपयोग करने की कोशिश कर रहा है. थॉमस ग्रीनफिल्ड ने कहा कि कल्पना कीजिए कि अगर आपकी सीमा पर 100,000 सैनिक होते तो आप कितने असहज होते. एक खुली बैठक आयोजित करने पर वोट 10-2 से पारित हुआ. रूस और चीन ने विरोध किया और तीन सदस्यों ने मतदान में भाग नहीं लिया. वोट को मंजूरी के लिए 9 वोट की जरूरत थी.
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बयान में कहा कि बल प्रयोग को खारिज करने, सैन्य तनाव कम करने, कूटनीति का समर्थन करने और प्रत्येक सदस्य से जवाबदेही की मांग करने के लिए बैठक एक महत्वपूर्ण कदम थी. उन्होंने कहा कि देशों को अपने पड़ोसियों के खिलाफ सैन्य आक्रमण से बचना चाहिए. रूस ने इस बात से इनकार किया कि वह हमला करने का इरादा रखता है, लेकिन मांग की कि रूस को उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल नहीं किया जाए. नाटो और अमेरिका ने इन मांगों को असंभव बताया है.
(इनपुट-एपी)
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