कैलाश सत्यार्थी ने बाल दासता खत्म करने के लिए ब्रिटेन में शुरू किया अभियान
Advertisement

कैलाश सत्यार्थी ने बाल दासता खत्म करने के लिए ब्रिटेन में शुरू किया अभियान

दासता और बाल तस्करी को इस समय का सबसे बड़ा ‘घोटाला ’ बताते हुए नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने मानव तस्कर माफिया द्वारा पैदा गई इस समस्या को खत्म करने के लिए यहां एक नया अभियान शुरू किया है। भारत में ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ चलाने वाले सत्यार्थी (60) ने ब्रिटेन में ‘बाल दासता समाप्ति सप्ताह’ शुरू किया है।

लंदन : दासता और बाल तस्करी को इस समय का सबसे बड़ा ‘घोटाला ’ बताते हुए नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने मानव तस्कर माफिया द्वारा पैदा गई इस समस्या को खत्म करने के लिए यहां एक नया अभियान शुरू किया है। भारत में ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ चलाने वाले सत्यार्थी (60) ने ब्रिटेन में ‘बाल दासता समाप्ति सप्ताह’ शुरू किया है।

यहां महिलाओं के अधिकार पर ट्रस्ट वूमन कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सत्यार्थी ने मानव तस्करांे को माफिया करार दिया। बाल दासता के खिलाफ लड़ाई लड़ने को लेकर इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के सह प्राप्तकर्ता सत्यार्थी ने मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकारों, काराबोरियों और अभियान चलाने वालों द्वारा सामूहिक कार्रवाई किये जाने तथा कानून को मजबूत किए जाने की अपील की।

उन्होंने कहा, यह एक बड़ी लड़ाई है। यह आसान नहीं है..मैं अपने दो सहकर्मियों को खो चुका हूं, एक की गोली मार कर हत्या कर दी गई और एक की पीट पीट कर हत्या कर दी गई। मेरे पूरे शरीर पर चोट के कई निशान हैं। कई बार मेरे कार्यालय और घर पर हमला हुआ।

सत्यार्थी ने कहा, लेकिन हर बार हमने एक बच्चे को दासता के चंगुल से मुक्त किया, हम इसे दासता पर स्वतंत्रता की जीत मानते हैं। उन्होंने कहा, हर बार किसी बच्चे को मुक्त कराने के बाद, मुझे लगा कि यह ईश्वर के करीब जाने जैसा है। कार्यक्रम से पहले आईटीवी न्यूज चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा, अपने गांव से अगवा किए गए और तस्करी किए गए तथा जानवरों से भी कम कीमत पर बेचे गए बच्चों से मेरा संपर्क हुआ। उन्होंने कहा, कभी कभी बच्चों ने खुद बताया कि हमें पांच दस हजार रूपये में बेच दिया गया जबकि हमारे गांव में भैंस भी 50 हजार से एक लाख रूपये में बिकती है।

 

 

Trending news