Corona से जंग में मिला नया हथियार: Scientists ने तैयार की Laser Device, हवा में ही Virus को कर सकती है ढेर
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Corona से जंग में मिला नया हथियार: Scientists ने तैयार की Laser Device, हवा में ही Virus को कर सकती है ढेर

वैज्ञानिकों ने पहली बार ऐसी लेजर डिवाइस बनाने का दावा किया है जो हवा में ही कोरोना वायरस (Coronavirus) को ढेर कर सकती है. इटली और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने एक साल के प्रयासों के बाद यह डिवाइस तैयार की है. हालांकि, डिवाइस को लेकर कुछ एक्सपर्ट्स ने सवाल भी खड़े किए हैं.  

फाइल फोटो

रोम: कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच एक अच्छी खबर आई है. इटली (Italy) में वैज्ञानिकों ने एक ऐसी लेजर डिवाइस (Laser Device) बनाने का दावा किया है, जो कोरोना वायरस (Coronavirus) को मार सकती है. इस डिवाइस को संयुक्‍त राष्‍ट्र के वैज्ञानिकों ने इटली की टेक कंपनी के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर बनाया है. बता दें कि उत्तरी इटली के शहर ट्रिस्टे में स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी और लेजर उपकरण बनाने वाली स्थानीय कंपनी एल्टेक के-लेजर ने पिछले साल इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया था.

  1. इटली और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने बनाई डिवाइस
  2. पिछले साल से प्रोजेक्ट पर चल रहा था काम
  3. जल्द अंतरराष्ट्रीय बाजार में लॉन्च करने की तैयारी 

Device इस तरह करती है काम

‘डेली पायनियर’ की रिपोर्ट के अनुसार, यह लेजर डिवाइस (Laser Device) चारदीवारी के भीतर मौजूद कोरोना वायरस कणों को मार सकती है. डिवाइस में हवा को लेजर बीम से होकर गुजारा जाता है और वह वायरस एवं बैक्टीरिया को खत्म कर देती है. इस संबंध में जानकारी देते हुए इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्‍नोलॉजी में कार्डियोवस्कुलर बायोलॉजी ग्रुप की प्रमुख सेरेना जकिन्या (Serena Zakinya) ने कहा, ‘इस डिवाइस ने लेजर टेक्नोलॉजी को लेकर मेरी सोच को पूरी तरह से बदल दिया है. यह डिवाइस 50 मिलीसेकेंड में वायरस को खत्म कर सकती है’. 

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कई Scientists ने उठाए सवाल

COVID महामारी के दौरान चारदीवारी के भीतर की जगहों को संक्रमण से मुक्त रखना एक बड़ी चुनौती साबित हुआ है. हालांकि, एक्सपर्ट्स द्वारा समय-समय पर इससे बचने की सलाह दी जाती रही है, लेकिन उस पर पूरी तरह अमल मुश्किल ही रहा है. लिहाजा, लेजर डिवाइस कोरोना से जंग में काफी मददगार हो सकती है. वहीं, इस डिवाइस पर सवाल भी उठने लगे हैं. कई वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस को मारने के लिए लेजर आधारित तकनीक सुरक्षित नहीं होगी. जर्नल ऑफ फोटोकेमिस्ट्री एंड फोटोबायोलॉजी में पिछले साल नवंबर में पब्लिश हुई एक स्टडी में लेजर आधारित डिवाइस से कैंसर का खतरा बताया गया था.

‘पूरी तरह Safe है Device’

एल्टेक कंपनी के फाउंडर फ्रेंचेस्‍को जनाटा और जकिन्‍या दोनों लेजर डिवाइस से कैंसर की थ्योरी को खारिज करते हैं. उनका मानना है कि डिवाइस से निकलने वाली लेजर कभी इंसान की त्‍वचा के संपर्क में नहीं आती है, इसलिए इससे कैंसर होने का भी खतरा नहीं है. उन्‍होंने यह भी कहा है कि ये डिवाइस पूरी तरह से सुरक्षित है और ये एक रिसाइकिल प्रोडेक्‍ट है. जनाटा ने कहा है कि हमारी डिवाइस कुदरत के खिलाफ कुदरत को इस्तेमाल करती है.

छोटा Size है सबसे बड़ी खूबी 

जनाटा ने बताया कि उनकी कंपनी को इस डिवाइस का पेटेंट मिल गया है. कंपनी की कोशिश है कि डिवाइस को जल्‍द ही अंतरराष्‍ट्रीय स्तर पर लॉन्च किया जाए. उन्होंने कहा, ‘डिवाइस की सबसे खास बात है इसका आकार. छोटे साइज की वजह से इसे कहीं भी ले जाना आसान है. इसकी ऊंचाई पांच फीट 9 इंच और वजन लगभग 25 किलोग्राम है. इसे एयरकंडीशनिंग यूनिट में भी लगाया जा सकता है'.

Device में कुछ खामियां भी मौजूद 

वहीं, एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तकनीक की सबसे बड़ी खामी यह है कि वायरस और बैक्टीरिया हवा में ही खत्म किए जा सकते हैं. यदि वे हवा से फर्श या किसी सतह पर गिर जाएं तो लेजर काम नहीं करेगी. इसके अलावा यदि वायरस छींक से या किसी के ऊंचा बोलने से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचा तो यह लेजर उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी.

 

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