भारत में चीनी दूतावास (Chinese Embassy) की प्रवक्ता जी रोंग ने कहा कि एक-चीन सिद्धांत (One-China Principle) को लेकर भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एक सर्वसम्मति है.
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नई दिल्ली: भारत और ताइवान (India-Taiwan) के बीच बढ़ती नजदीकियों से चीन परेशान हो रहा है और विरोध जताना शुरू कर दिया है. इस पर भारत में चीनी दूतावास (Chinese Embassy) की प्रवक्ता जी रोंग ने कहा कि ताइवान चीन का एक अटूट हिस्सा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एक सर्वसम्मति है. इसके साथ ही उन्होंने ताइवान को लेकर भारतीय मीडिया के रूख पर भी सवाल उठाया.
'डीपीपी अधिकारियों को मंच देना गलत'
रोंग (Ji Rong) ने ट्वीट कर कहा, "एक-चीन सिद्धांत (One-China Principle) को लेकर भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एक सर्वसम्मति है. डीपीपी अधिकारियों को चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देने के लिए कुछ भारतीय मीडिया के लिए मंच प्रदान करना गलत है, जो ताइवान के सवाल पर भारतीय सरकार की स्थिति के खिलाफ भी है."
1/3 One-China principle is universal consensus of int'l community including #India. It is wrong for certain Indian media to provide platform for DPP authorities to challenge China's sovereignty&territorial integrity,which is also against Indian govt's position on Taiwan question.
— Ji Rong (@ChinaSpox_India) October 22, 2020
ताइवान को बताया चीन का अटूट हिस्सा
चीन-ताइवान के रिश्ते पर उन्होंने लिखा, "हालांकि दोनों पक्ष अभी तक पूरी तरह से जुड़ नहीं पाए हैं, लेकिन यह तथ्य है कि ताइवान चीन का अटूट हिस्सा है और यह कभी नहीं बदला है. ताइवान की स्वतंत्रता के लिए डीपीपी अधिकारियों का विदेशी समर्थन और बाहरी ताकतों से मिलीभगत करना विफल रहा है."
2/3 Although two sides have not yet been fully reunited, the fact that the mainland&Taiwan belong to the same China has never changed. Any attempt of DPP authorities to seek foreign support & collude with external forces in its push for "Taiwan independence" is doomed to fail.
— Ji Rong (@ChinaSpox_India) October 22, 2020
स्वतंत्र ताइवान का किया विरोध
उन्होंने आगे लिखा, "ताइवान का सवाल चीन के मूल हितों की चिंता करना है. हम स्वतंत्र ताइवान के लिए सेना और उनकी अलगाववादी गतिविधियों का विरोध करते हैं. चीन का पूर्ण एकीकरण प्राप्त करना समय और लोगों की आकांक्षा की प्रवृत्ति है."
3/3 Taiwan question concerns China's core interests. We resolutely oppose "Taiwan independence" forces and their separatist activities. Achieving China’s complete reunification is the trend of the times and people's aspiration.
— Ji Rong (@ChinaSpox_India) October 22, 2020
भारत और ताइवान के बीच बढ़ी नजदीकियां
बता दें कि हाल के समय भारत और चीन के बीच नजतीकियां बढ़ी हैं. हाल ही में ZEE NEWS के सहयोगी चैनल WION से बात करते हुए ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू (Joseph Wu) ने कहा था कि 2016 के बाद से ताइवान सरकार दोनों देशों के बीच मित्रता को बेहतर बनाने के लिए तत्पर है. उन्होंने यह भी बताया था कि ताइवान के निवेशक भारत में निवेश कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि भारत में ताइवान के निवेश की कुल राशि अब लगभग 2.3 बिलियन डॉलर (करीब 16900 करोड़ रुपये) है और भारत में हमारे निवेश ने लगभग 65,000 भारतीय लोगों को रोजगार दिया है.
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