दुनिया में पहली बार किसी इंसान को सुअर की दोनों किडनी लगाई गई हैं. यह सफलता अंगों की कमी के संकट को हल कर सकती है.
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नई दिल्ली: कुछ दिनों पहले ये खबर आई थी कि किसी इंसान की बॉडी में पहली बार सुअर का दिल लगाया गया था. अब डॉक्टरों ने एक और कमाल किया है जब किसी इंसान की दोनों किडनी सुअर की लगाई गई हैं. सर्जनों ने जेनेटिकली मॉडिफाइड सुअर की दो किडनियों को दुनिया में सबसे पहले इंसान में ट्रांसप्लांट किया है.
Metro की खबर के अनुसार, ब्रेन डेड मरीज पर एक प्रयोग के दौरान उनके अंगों ने तीन दिनों से अधिक समय तक काम किया. 57 वर्षीय जिम पार्सन्स पहले से ही वेंटिलेटर पर थे और उनकी किडनी फेल हो गई थी जिसके ठीक होने की संभावना नहीं थी. यह सफलता अंगों की कमी के संकट को हल कर सकती है क्योंकि किडनी के लिए प्रतीक्षा सूची में लोग हर दिन मर रहे हैं.
बर्मिंघम (यूएबी) में अलबामा विश्वविद्यालय के वरिष्ठ लेखक डॉक्टर जयमे लोके ने कहा कि चिकित्सा के इतिहास में यह जेनोट्रांसप्लांटेशन एक मील का पत्थर साबित हो सकता है जो यकीनन अंगों की कमी से निपटने का सबसे अच्छा समाधान है.
उन्होंने आगे कहा कि हमने क्रिटिकल नॉलेज गैप पर सफलता पाते हुए ऐसा डेटा प्राप्त कर लिया है जिसकी मदद से हम गंभीर बीमारियों के अंतिम चरण में जूझ रहे मरीजों पर इस तरह के क्लिनिकल ट्रायल कर सकते हैं जिसमें किडनी फेल होने की बीमारी भी शामिल है.
वैज्ञानिकों ने जेनोट्रांसप्लांटेशन का सपना देखा है जिसमें दशकों से जानवरों के अंगों को इंसानों में डाला जाता है. सुअर के हृदय के वाल्व पहले से ही मनुष्यों में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं. एक सुअर का प्राकृतिक जीवनकाल 30 वर्ष है. वे आसानी से पैदा हो जाते हैं और उनके इंसान के समान आकार के अंग होते हैं.
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इस महीने की शुरुआत में एक अमेरिकी व्यक्ति सुअर का दिल पाने वाला दुनिया का पहला व्यक्ति बना था. अगर, सुअर का हृदय इस व्यक्ति को नया जीवनदान देता है तो ये प्रयोग दुनिया के उन लाखों लोगों की जान बचाने में कामयाब रहेगा जिनका Organs की कमी की वजह से Heart Transplant नहीं हो पाता. अभी भारत में Heart की जरूरत वाले हर 147 लोगों में सिर्फ 1 को ही ये Organ मिल पाता है.
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