UN में सुषमा स्‍वराज की पाकिस्‍तान को खरी-खरी, पढ़िए कैसे हाफिज सईद का नाम लेकर किया चित्‍त
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UN में सुषमा स्‍वराज की पाकिस्‍तान को खरी-खरी, पढ़िए कैसे हाफिज सईद का नाम लेकर किया चित्‍त

सुषमा स्‍वराज ने कहा कि न्यूयार्क में 9/11 आतंकवादी हमले के हत्यारों को अपनी करनी का फल मिला, लेकिन मुंबई आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद अभी तक पाकिस्तान की सड़कों पर खुलेआम घूम रहा है.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज...

नई दिल्‍ली : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र में विश्व के नेताओं के सामने पाकिस्‍तान का कच्‍चा चिट्ठा खोल दिया. उन्‍होंने पाकिस्‍तान द्वारा अपने यहां व्‍यापक रूप में आतंकवाद को दी जा रही शह और आतंकी सरगना हाफिज सईद पर कोई कार्रवाई न किए जाने को लेकर पाकिस्‍तान की कड़ी आलोचना की और उसे विश्‍व पटल पर आइना भी दिखाया

सुषमा स्‍वराज ने कहा कि न्यूयार्क में 9/11 आतंकवादी हमले के हत्यारों को अपनी करनी का फल मिला, लेकिन मुंबई आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद अभी तक पाकिस्तान की सड़कों पर खुलेआम घूम रहा है. वह चुनाव लड़ रहा है और उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती.

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मुंबई आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद (फाइल फोटो)

उन्होंने हिंदी में दिए अपने भाषण में विश्व नेताओं से कहा कि पाकिस्तान की दोमुंही बात करने का जीवंत उदाहरण यह तथ्य है कि 9/11 आतंकवादी हमले के षड्यंत्रकर्ता ओसामा बिन लादेन को देश में सुरक्षित पनाहगाह दी गई और विश्व के सबसे वांछित आतंकवादी के अमेरिका के विशेष बलों द्वारा मारे जाने के बावजूद ‘‘पाकिस्तान इस तरह से व्यवहार करता रहा जैसे कुछ हुआ ही नहीं है.’’ 

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उन्होंने कहा, "लेकिन जल्द ही, पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने दो जनवरी को पठानकोट में हमारे वायुसेना अड्डे पर हमला किया. कृपया मुझे बताएं कि आतंकवादी रक्तपात के बीच हम कैसे वार्ता कर सकते हैं." 

उन्होंने कहा कि आतंकवाद का दानव विश्व के पीछे लगा हुआ है. कहीं पर इसकी गति तेज है, कहीं यह धीमी लेकिन यह सभी जगह जीवन के लिए खतरा है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे मामले में आतंकवाद दूरदराज के इलाकों में उत्पन्न नहीं होता, बल्कि हमारे पश्चिम में सीमा के पार होता है. हमारे पड़ोसी की विशेषज्ञता केवल आतंकवाद का आधार बढ़ाने तक ही सीमित नहीं है, उसे दोमुंही बातें करके द्वेषभाव को छुपाने में महारत हासिल है.’’

उन्होंने कहा कि ‘‘पाकिस्तान की आतंकवाद के प्रति राज्य की नीति के तौर पर प्रतिबद्धता अंश मात्र भी कम नहीं हुई है. न ही पाखंड पर उसके भरोसे में कमी आई है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हुआ यह है कि विश्व अब इस्लामाबाद पर विश्वास करने को तैयार नहीं है.’’ उन्होंने इस संबंध में वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) का उल्लेख किया जिसने पाकिस्तान को आतंकवादी वित्तपोषण को लेकर चेतावनी दी है.

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