स्वीडन की पुलिस को मिला लापता बलूच पत्रकार का शव, जांच शुरू
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स्वीडन की पुलिस को मिला लापता बलूच पत्रकार का शव, जांच शुरू

पाकिस्तान के निर्वासित बलूच पत्रकार साजिद हुसैन का शव 23 अप्रैल को स्वीडन के उप्साला के बाहर फिरीस नदी में मिला था.

2 मार्च से लापता थे पाकिस्तानी पत्रकार साजिद हुसैन

नई दिल्ली: स्वीडन की पुलिस (Sweden Police) को पाकिस्तान (Pakistan) के निर्वासित पत्रकार साजिद हुसैन (Journalist Sajid Hussain) का शव मिला है. साजिद पिछले साल मार्च से लापता थे. इस बलूच पत्रकार का शव 23 अप्रैल को उप्साला के बाहर फिरीस नदी में मिला था. मौत के कारणों का खुलासा अब तक नहीं हुआ है, लेकिन पुलिस ने इस मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है.

  1. स्वीडन में रह रहे पाकिस्तान के निर्वासित पत्रकार का शव मिला
  2. पाकिस्तानी सरकार के आलोचक रहे हैं साजिद हुसैन
  3. 2 मार्च से ही लापता थे साजिद हुसैन, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी पर शक

साजिद हुसैन पाकिस्तानी सरकार के जाने माने आलोचक और पाकिस्तान में भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों को लेकर बहुत मुखर रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में हुसैन ने स्वीडन में राजनीतिक शरण ली थी.

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साजिद हुसैन के परिवार और दोस्तों के मुताबिक, वो अपनी पत्नी और दो बच्चों को अपने पास स्वीडन लाने की कोशिश कर रहे थे. 2 मार्च को लापता होने से पहले वह उप्साला विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू करने वाले थे.

स्वीडन के रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर के अध्यक्ष एरिक हल्कजेर ने कहा, 'इस स्थिति में सबसे पहले पाकिस्तान की सुरक्षा सेवाओं का ही ध्यान आता है. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि उनके गायब होना उनके काम से जुड़ा हुआ है.' स्वीडन की पुलिस के प्रवक्ता जोनास एरोन ने कहा, 'अटॉप्सी से ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे ये पता चले कि उनके साथ कुछ गलत हुआ.'

यह पहले ऐसे पत्रकार नहीं है जिनकी रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हुई हो. साजिद हुसैन की मौत, 2018 में जमाल खशोगी की हत्या से मिलती जुलती है.

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2 अक्टूबर 2018 को, जमाल खशोगी, जो वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार और सऊदी आलोचक थे, जो अपनी तुर्की मंगेतर के साथ अपनी होने वाली शादी के लिए दस्तावेज लाने इस्तांबुल में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास गए थे. वहां 59 वर्षीय पत्रकार की सऊदी एजेंटों ने निर्मम हत्या कर दी थी. 

उन्हें सऊदी अरब में महिलाओं के अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पैरोकार के रूप में जाना जाता था.

पत्रकारों की हत्या कर उन्हें सजा देने वालों की संख्या पाकिस्तान में सबे ज्यादा है. जहां पत्रकारों को नियमित रूप से परेशान किया जाता है और हत्या कर दी जाती है.

पाकिस्तान इंपुनिटी स्कोरकार्ड की रिपोर्ट के अनुसार, 2013-19 के दौरान 33 पत्रकारों की हत्या के लिए कुल 32 एफआईआर दर्ज की गई थीं. इन 33 मामलों में, न्यायालयों ने केवल 20 मामलों को सुनवाई के लिए मान्य घोषित किया और जिनमें से केवल 6 मुकदमे ही पूरे हुए थे.

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