Salon Ban: महिलाओं से सजने संवरने का अधिकार छिना, इस देश में ठप पड़े हजारों ब्यूटी सैलून
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Salon Ban: महिलाओं से सजने संवरने का अधिकार छिना, इस देश में ठप पड़े हजारों ब्यूटी सैलून

Taliban Salon Ban: अफगानिस्तान (Afghanistan) में महिलाओं और लड़कियों की पढ़ाई बंद करके उनकी जिंदगी नर्क बना चुके तालिबान ने ऐसा फैसला लिया है, जिससे हजारों महिलाओं की रोजी रोटी छिन गई है. वहीं अफगान महिलाओं (Afghan Women) से उनके सजने संवरने का अधिकार भी छीन लिया गया है.

Salon Ban: महिलाओं से सजने संवरने का अधिकार छिना, इस देश में ठप पड़े हजारों ब्यूटी सैलून

Afghanistan Salon Ban: अफगानिस्तान में महिलाओं (Afghan Women) से उनके सजने संवरने का अधिकार छीन लिया गया है. काबुल (Kabul) की सत्ता पर काबिज हुक्मरानों ने अपने हालिया तुगलकी और तालिबानी फैसले में देश के सभी ब्यूटी सैलून (Beauty Salon) और स्पा संचालकों को महीने भर की मोहलत देते हुए अपना पूरा तामझाम समेटने को कहा है. इसके साथ ही ऐसा न करने पर फौरन अंजाम भुगतने की धमकी भी दी गई है. यानी साफ है कि काबुल समेत पूरे देश के सभी ब्यूटी सलून बंद किए जा रहे हैं. अफगानिस्तान की सरकार ने इसके पीछे की वजह भी बताई है.

'महिलाओं की आजादी खत्म'

यूं तो कई देशों में आधी आबादी पर हमेशा कोई न कोई संकट मंडराता रहता है. खासकर कट्टरपंथी देशों में उनके कई तरह की बंदिशों को मानना पड़ता है. ईरान में हिजाब पहनना जरूरी है तो किसी और देश में कुछ और फरमान हर हाल में मानना ही पड़ता है. हालांकि तालिबान के नैतिकता एवं दुराचार उन्मूलन मंत्रालय के प्रवक्ता सादिक आकिफ महजीर अभी खुलकर कुछ ऐसा नहीं कहा है कि सैलून बैन का फैसला नहीं मानने वालों को कौन सी सजा दी जाएगी.

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हैरान कर देगी सैलून बैन की वजह

इससे पहले गर्ल्स स्कूल और कॉलेज बंद करा चुका तालिबान महिलाओं को पार्क समेत कई सार्वजनिक जगहों पर जाने को प्रतिबंधित कर चुका है. महिलाओं को नौकरी करने से रोका गया है. 'AP' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक वहीं अपने हालिया आदेश को लेकर तालिबान का कहना है कि ब्यूटी सलून बंद करने का फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि वो लोग जो भी सर्विस देते हैं, वो इस्लाम के खिलाफ हैं और शादी समारोह के दौरान इस एक्स्ट्रा खर्च की वजह से दूल्हे के परिवारों के लिए पैसों की दिक्कत होती है.

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(सांकेतिक तस्वीर)

'UN की अपील का तालिबान पर होगा असर?

 

इस आदेश के खिलाफ काबुल में दुर्लभ छोटे-छोटे प्रदर्शन हुए. जिनमें शिरकत करने वालों को आंसू गैस और पानी की तेज बौछारों से पीछे धकेल दिया गया. लोगों का कहना है कि उनके छिटपुट विरोध को आगे भी दबा दिया जाएगा. इस फैसले से महिलाओं की रोजी रोटी खत्म हो रही है.

वहीं संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि उसके प्रतिनिधि इस प्रतिबंध को वापस लेने के लिए अफगानिस्तान के अधिकारियों से बात कर रहे हैं. हालांकि अफगान महिलाएं बखूबी जानती हैं कि अगर आदेश आया है तो उन्हें मानना ही पड़ेगा, वरना उनका क्या हाल होगा ये किसी से छिपा नहीं है.

 

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