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नई दिल्लीः अफगानिस्तान (Afghanistan) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच सीमा रेखा का निर्धारण करने वाली डूरंड लाइन (Durand Line) पर लगाई गई कंटीले तारों की बाड़ को तालिबान (Taliban) ने तोड़ दिया है. अफगानिस्तानी पत्रकार बिलाल सरवरी ने एक वीडियो क्लिप डाली है जिसमें तालिबान के पूर्वी नांगरहार प्रांत के खुफिया प्रमुख बशीर डूरंड लाइन पर पाकिस्तानी सैनिकों को यह चेतावनी देता दिख रहा है 'अगर तुमने इस रेखा का उल्लंघन किया तो हमारे साथ युद्ध के लिए तैयार रहो, हम यहूदियों से लड़ाई की तुलना में तुम लोगों से लड़ना पसंद करते हैं और अभी हमें बहुत काम करना बाकी है.'
यही हाल पाकिस्तानी सीमा की तरफ भी दिखाई दे रहा है और इसमें एक वीडियो में प्रतिबंधित तहरीके तालिबान(टीटीपी)के आतंकवादी वजीरिस्तान प्रांत में कंटीले तारों को काटते दिखाई पड़ रहे हैं. यही वह क्षेत्र है जहां पाकिस्तान और अफगानिस्तान सीमा के कुछ हिस्से में पाकिस्तानी सेना ने पिछले सप्ताह इसके प्रमुख को एक ड्रोन हमले में मार गिराने का प्रयास किया था लेकिन ड्रोन से दागी गई मिसाइलें नहीं फटी थीं.
अफगानिस्तान की खम्मा न्यूज के अनुसार नांगरहार प्रांत के गुश्ता जिले में सीमा पर तारबंदी हटाए जाने के बाद पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को तोप से गोले दागे थे. पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच डूरंड लाइन की लंबाई 2600 किलोमीटर है और इस पर लगभग पूरी तरीके से तारंबदी कर ली गई है.
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अफगानिस्तान में सत्ता में आने के बाद तालिबान ने तारबंदी की इस मुहिम का जोरदार विरोध किया है और यह भी कह दिया है कि वह इसे मान्यता नहीं देता है. इस वर्ष सितंबर माह में तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने भी यही बात कही थी.
Taliban soldiers destroyed razor wire on the Durrand line in Goshta, Ningarhar. pic.twitter.com/IjVVHr4MgL
— BILAL SARWARY (@bsarwary) December 20, 2021
प्रवक्ता ने कहा था कि हम सीमा पर सुरक्षित और शांत माहौल बनाना चाहते हैं ताकि इस पर किसी तरह के अवरोध नहीं होने चाहिए. इसमें यही संदेश दिया गया था कि तालिबान पाकिस्तान की ओर से की जा रही तारंबदी को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं है और यह निर्णय पाकिस्तान को उल्टा ही पड़ेगा.
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पूर्व सरकार में आर्थिक सलाहकार रहे जारिफ अमनियार ने कहा कि तालिबान के अधिकतर नेता पाकिस्तान की कठपुतली हैं लेकिन कुछ देशभक्त तालिबान भी हैं और कोई भी सच्चा अफगानी नागरिक इस तरह डूरंड लाइन पर कोई जबर्दस्ती का प्रतिबंध नहीं सहेगा.
पिछली सरकारों और मौजूदा तालिबान शासन ने कभी भी डूरंड लाइन को मान्यता नहीं दी है. लेकिन इसे लेकर एक ज्वलंत राष्ट्रवाद का मसला भी है क्योंकि यह लाइन पश्तूनों को विभाजित करती है और कभी भी अफगानिस्तान में लोकप्रिय नहीं रही है.
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