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न्यूयॉर्क : विवादित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन अपने देश के इस्लामी कट्टरपंथियों से मौत की धमकियां मिलने के बाद अमेरिका चली गयी हैं। बांग्लादेश में फरवरी के बाद से तीन धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगरों की हत्या की जा चुकी है।
न्यूयार्क स्थित मानवाधिकारों की पैरोकारी संस्था ‘सेंटर फोर इन्क्वायरी’ ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, अलकायदा से जुड़े इस्लामी कट्टरपंथी से, जो हाल में अविजीत रॉय, वशीकुर रहमान और अनंत विजय दास की हत्याओं की जिम्मेदारी ले चुके हैं, तसलीमा नसरीन को मौत की धमकियां मिल रही हैं।
समूह के अध्यक्ष और सीईओ रोनाल्ड ए लिंडसे ने कहा, अपने जीवन पर बड़े खतरे को देखते हुए तसलीमा ने भारत छोड़ने का फैसला किया। उन्हें आगे अनिश्चित समय तक अपनी हिफाजत के लिए अमेरिका में रहना होगा जहां इस समय उनके पास कोई नौकरी या घर नहीं है। लिंडसे ने कहा कि मौत की धमकियों को गंभीरता से लेने की जरूरत है क्योंकि तीन महीनों में तीन लेखकों की क्रूरतापूर्वक हत्या की गयी है। उन्होंने कहा कि सेंटर फोर इन्क्वायरी तसलीमा की हिफाजत के लिए अपनी तरह से हरसंभव प्रयास कर रही है।
तसलीमा मुस्लिम कट्टरपंथी संगठनों के मौत की धमकियों के कारण 1994 से निर्वासित जीवन जी रही हैं। 52 साल की विवादित बांग्लादेशी लेखिका इस समय स्वीडन की नागरिक हैं और 2004 से उन्हें लगातार भारत का वीजा दिया जा रहा है।
वह पिछले दो दशकों से अमेरिका, यूरोप और भारत में रह रही हैं। हालांकि कई मौकों पर उन्होंने भारत में खासकर कोलकाता में स्थायी रूप से रहने की इच्छा जाहिर की है। 2007 में अपनी रचनाओं के खिलाफ मुस्लिमों के एक वर्ग के सड़कों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन करने के बाद उन्हें 2007 में कोलकाता छोड़ना पड़ा था। तसलीमा पिछले हफ्ते अमेरिका पहुंची थीं। उन्होंने आज ट्विटर पर लिखा, अमेरिका में हल्दीराम्स भुजिया खा रही हूं। यह भुजिया आयातित पैकेट है।