Attack on Hindus in Bangladesh: एक एक कट्टरपंथी को बांग्लादेश मे इस्कॉन टेंपल शूल की तरह चूभ रहा है इसलिए बांग्लादेश में इस्कॉन टेंपल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. रैलियों में इस्कॉन भक्तों को पकड़ने की मांग की जा रही है.
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Bangladesh Hindu Situation: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद नई सरकार का गठन तो हुआ लेकिन शासन चल रहा है कट्टरपंथियों का और ऐसे हम नहीं बांग्लादेश से आने वाली तस्वीरें खुद कह रही हैं. बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने पहले हिंदुओं के घरों और दुकानों को निशाना बनाया और अब ISKCON के खिलाफ हिंसा का नया दौर शुरू हो गया है. सबसे बड़ी बात है कि हिंसक कट्टरपंथियों को वहां की सेना और पुलिस का भी साथ मिल रहा है.
कठपुतली सरकार, मुखौटा सलाहकार, सेना-पुलिस का समर्थन, कब्र में दफ्न हो चुका लोकतंत्र और देश की तकदीर पर हावी होता कट्टरपंथ.
बीते कुछ दशक में जो बांग्लादेश तरक्की की सीढ़ियां चढ़ रहा था. आज उस पाकिस्तान का यही सच है. काला, घिनौना और नफरती. पाकिस्तान से अलग होकर बने बांग्लादेश में आज कट्टरपंथियों का बोलबाला है. हिंदुओं के खिलाफ नफरत का ये सैलाब पाकिस्तान से मुकाबला कर रहा है. और ये सब हुआ है बीते 3 महीनों में.
बांग्लादेश में नहीं थम रहे हिंदुओं पर हमले
5 अगस्त से लेकर अब तक बांग्लादेश में केवल तारीख बदल रही है. लेकिन हिंदुओं के खिलाफ हिंसा, बर्बरता और अत्याचार का आलम है....वैसे का वैसा है. और अब एक एक कट्टरपंथी को बांग्लादेश मे इस्कॉन टेंपल शूल की तरह चूभ रहा है इसलिए बांग्लादेश में इस्कॉन टेंपल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. रैलियों में इस्कॉन भक्तों को पकड़ने की मांग की जा रही है...और हद तो तब हो गई गई...जब उनके कत्ल करने के नारे तक लगाए गए.
बांग्लादेश की गलियों में पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए जा रहे हैं. सैकड़ों कट्टरपंथियों की फौज इसी तरह सड़कों पर हिंसा कर रही है. हिंदुओं को चुन चुन कर निशाना बनाया जा रहा है और हैरानी की बात है कि इन कट्टरपंथियों को बांग्लादेश की सेना और पुलिस का भी साथ मिल रहा है. चटगांव में हालात सबसे अधिक खराब हैं, जहां हिंदुओं के खिलाफ भड़की हिंसा के बाद जबरदस्त खौफ है. सेना और पुलिस की मदद से कट्टरपंथियों ने हिंदुओं के खिलाफ जमकर हिंसा की. तस्वीरें गवाह हैं कि किस तरह हिंदुओं को जमकर पीटा गया. घरों और दुकानों में घुसकर मारपीट की गई. सैकड़ों हिंदू अब भी जख्मी हैं, जिन्हें इलाज तक नहीं मिल पा रहा है.
'मुझे नीचे फेंक दिया, क्योंकि मैं हिंदू हूं'
एक बांग्लादेशी हिंदू ने कहा, मेरी दुकान चौथी मंजिल पर है, मैं दुकान की चाबी भी नहीं ले पाया, दुकान में बहुत सारा पैसा था, सेना ने मेरी पिटाई की, और मुझे नीचे फेंक दिया, क्योंकि मैं एक हिंदू हूं.
We the minorities of Bangladesh are asking for help from the United Nations. We are asking for justice. Extremist army in Bangladesh is carrying out barbaric attacks on us. A silent massacre is going on under the orders of Md Yunus. Ban Bangladesh army from UN peacekeeping… pic.twitter.com/TJg9SCsXgH
— Voice Of Bangladeshi Hindus (@hindu8789) November 7, 2024
हर बांग्लादेशी हिंदू की तकरीबन यही कहानी है. इस्कॉन के खिलाफ नफरती कट्टरपंथी तेजी से एकजुट हो रहे हैं. गली गली में इस्कॉन मंदिरों को जलाने के लिए नारे लगना अब रोज की कहानी है. इस्कॉन के फॉलोवरों को धमकाना....हर कट्टरपंथी का पहला टारगेट हो गया है.
दरअसल इस हिंसा की शुरुआत एक मुस्लिम व्यापारी की फेसबुक पोस्ट से शुरू हुआ था. रिपोर्ट्स के मुताबिक एक मुस्लिम व्यापारी उस्मान अली ने फेसबुक पर इस्कॉन को आतंकी संगठन कहा था. इससे हिंदू नाराज हो गए थे. 5 नवंबर को चटगांव में उस्मान की दुकान के आगे शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया. बांग्लादेशियों को ये नागवार गुजरा और अब पूरे बांग्लादेश में चुन चुन कर हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है.
चिन्मय दास पर राष्ट्रद्रोह का मामला
कुछ दिनों पहले इस्कॉन ग्रुप के प्रमुख चेहरों में से एक चिन्मय दास के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया था. इस मुकदमे में अलग अलग 19 हिंदू संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं के भी नाम हैं. बांग्लादेश के हालात से साफ है कि कट्टरपंथ ही वहां संविधान है और कट्टरपंथी ही सरकार...तख्तापलट के बाद से ही हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है. इस हिंसा को वहां की सरकार का अघोषित समर्थन मिला हुआ था. लेकिन अब सेना और पुलिस भी कट्टरपंथियों के खिलाफ कंधे से कंधा मिलकर चल रही है, जिसकी वजह से बांग्लादेशी हिंदुओं के हालात दिन ब दिन और बदतर होते जा रहे हैं.