थाईलैंड: सैन्य सरकार ने 2019 चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक प्रचार पर रोक हटाई
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थाईलैंड: सैन्य सरकार ने 2019 चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक प्रचार पर रोक हटाई

थाइलैंड की सैन्य सरकार ने 2019 में होने वाले चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक प्रचार पर से प्रतिबंध हटा दिया है. 

.(फोटो- Reuters)

बैंकॉक: थाइलैंड की सैन्य सरकार ने 2019 में होने वाले चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक प्रचार पर से प्रतिबंध हटा दिया है. रॉयल गजट की ओर से मंगलवार को प्रकाशित एक आदेश में यह बात कही गई है. आदेश में कहा गया, ‘‘ राजनीतिक दल अपनी योजनाओं को पेश करने के लिए अब प्रचार कर पाएंगे. ’’ यह आदेश तत्काल लागू होगा. देश में अगले साल 24 फरवरी को चुनाव होने हैं. 

थाईलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री को कोर्ट ने सुनाई 5 साल की सजा
थाईलैंड की शीर्ष अदालत ने अपदस्थ प्रधानमंत्री यिंगलुक शिनवात्रा को आपराधिक लापरवाही के मामले में उनकी गैर मौजूदगी में पांच साल कैद की सजा सुनाई. वर्ष 2014 में यिंगलुक की निर्वाचत सरकार का तख्तापलट कर दिया गया था. सरकार की विफल चावल नीति पर आरोप तय किए जाने के बाद यिंगलुक पिछले महीने देश छोड़कर भाग गई थीं.न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अदालत ने प्रतिवादी को आरोपों में दोषी पाया है. अदालत ने उन्हें पांच साल कैद की सजा सुनाई है और अदालत सर्वसम्मति से इस बात पर भी सहमत हुई कि सजा निलंबित नहीं की जाएगी.’’

गौरतलब है कि इस मामले में सजा की घोषणा 25 अगस्त को ही होनी थी लेकिन उस दिन यिंगलुक न्यायालय में हाजिर नहीं हुई थीं. उनकी पार्टी से जुड़े सूत्रों का मानना है कि शायद उन्हें सजा की गंभीरता का अहसास हो गया था जिस वजह से वो काफी पहले ही देश छोड़कर भाग गई थीं.

प्रबंधन में लापरवाही बरतने का है मामला
सत्ता में आने के बाद यिंगलुक ने 2011 में गरीब लोगों के लिए सस्ती दरों पर धान सब्सिडी योजना चलाई थी. जो काफी मशहूर भी हुई थी लेकिन सैन्य सरकार का कहना है कि इस योजना से देश को काफी आर्थिक नुकसान हुआ था. 2014 में सेना ने उनका तख्ता पलट कर दिया था. इसके बाद उन पर आपराधिक लापरवाही का मामला चलाया गया.

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