London News: प्रोजेक्ट इंजीनियरों का कहना है कि लंदन का ये प्रोजेक्ट ऐतिहासिक है और इंजीनियरिंग का एक नायाब नमूना है. इससे नदी का संरक्षण करने में मदद मिलेगी.
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Thames Tideway Tunnel News: लंदन का एक प्रोजेक्ट दुनियाभर की सुर्खियां बटोर रहा है. इस मुहिम में काम करने वाले इंजीनियरों का दावा है कि इससे टेम्स नदी का पानी साफ रखने में मदद मिलेगी. वहीं नदी का प्रवाह भी बाधित नहीं होगा. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत करीब 8 साल पहले हुई थी. करीब पांच खरब रुपये के इस बहुप्रतीक्षित सुपर सीवर प्रोजेक्ट का काम पूरा होने वाला है. ये प्रोजेक्ट 'टेम्स टाइडवे टनल' के नाम से मशहूर है, जिसे नदी में गिरने वाले सीवेज की मात्रा को कम करने के लिए खास तौर से डिजाइन किया गया है.
इंजीनियरिंग का नमूना या पैसे की बर्बादी?
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस परियोजना में करीब 25 किमी लंबा पाइप टेम्स नदी में गिरने वाले 34 सबसे अधिक प्रदूषित सीवेज का रास्ता मोड़ देगा. हालांकि इसका विरोध करने वाले आलोचकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के दुस्प्रभावों के कारण इस सीवेज टनल का जीवनकाल सीमित हो सकता है.
टाइम्स टाइडवे के CEO एंडी ने नदी पर बनी टनल के ऊपर मौजूद एक नाव की सवारी करते हुए कहा, 'ये वो क्षण है जिसका हम लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. हम नदी में आने वाले सीवेज के बहुत बड़े हिस्से को रोकने जा रहे हैं. यानी इसका मतलब होगा एक स्वच्छ नदी. प्रोजेक्ट के आखिरी चरण में बस पूर्वी लंदन स्थित एक शाफ्ट पर 1200 टन का विशाल कंक्रीट का ढक्कन उठाना है. ये काम भी अगले कुछ दिनों में पूरा हो जाने की उम्मीद है. लंदन की अप्रत्याशित बढ़ी हुई आबादी का मानव अपशिष्ट संभालने में इससे बड़ी मदद मिलेगी.'
बाढ़ रोकने में मिलेगी मदद: एक्सपर्ट
प्रोजेक्ट इंजीनियरों का कहना है कि लंदन में थोड़ी सी बूंदाबांदी भी नदी के ट्रीटमेंट नेटवर्क पर दबाव डाल सकती है, जिससे टेम्स में बाढ़ आ सकती है. नए सुपर सीवर का मतलब ये होगा कि लंदन के केंद्र में लगभग सभी सीवेज ओवरफ्लो को पहले की तरह नदी में बहाने के बजाय एक टनल में इकट्ठा करेंगे फिर उसका वैज्ञानिक तरीकों से निष्तारण करेंगे.
वाटर बिल में होगी बढ़ोतरी
2024 की गर्मी के सीजन में इस सुरंग में पहला सीवेज प्रवाहित होने की उम्मीद है. यह टनल प्रोजेक्ट साल 2025 में पूरी तरह चालू हो जाएगा. शुरुआत में सुरंग की लागत करीब सवा चार अरब पाउंड थी, वो अब बढकर 5 बिलियन पाउंड हो गई है. उस लागत का भुगतान लंदन के लोग अपने टैक्स से अगले कई दशकों तक करेंगे. माना जा रहा है कि इससे लोगों का सालाना बिल करीब 25 पाउंड बढ़ जाएगा.