यूरोपीय संघ (ईयू) आयोग के प्रमुख जीन क्लाड जंकर ने ईयू को 1,60,000 शरणार्थियों को आपस में बांटने के लिए बाध्य करने की एक योजना पेश की ताकि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से हुए इस भीषण प्रवासी संकट के दबाव से सीमाई देशों को कुछ राहत दी जा सके।
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स्ट्रासबर्ग (फ्रांस) : यूरोपीय संघ (ईयू) आयोग के प्रमुख जीन क्लाड जंकर ने ईयू को 1,60,000 शरणार्थियों को आपस में बांटने के लिए बाध्य करने की एक योजना पेश की ताकि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से हुए इस भीषण प्रवासी संकट के दबाव से सीमाई देशों को कुछ राहत दी जा सके।
ऐसे में जब यूनान और हंगरी इस समस्या से जूझ रहे हैं, जंकर ने यूरोप से आग्रह किया कि वह अपने इतिहास पर गौर करे और संघर्ष प्रभावित सीरिया और अन्य स्थानों से भागने वाले शरणार्थियों के लिए अनिवार्य कोटा निर्धारित करने के उनके साहसी प्रस्ताव से घबराये नहीं।
जबकि जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने यूरोप से आग्रह किया है कि वह आगे बढ़े। उन्होंने दावा किया कि बाध्यकारी कोटे के जरिये ही बोझ को उचित एवं आनुपातिक रूप से बांटा जा सकता है। जर्मनी ने कहा है कि वह आगामी कई वर्षों तक प्रतिवर्ष 50 हजार शरणार्थियों को अपने यहां आश्रय दे सकता है। जर्मनी ने संभावना जतायी है कि उसके यहां इस वर्ष लाखों शरणार्थी आना चाह सकते हैं।
जंकर ने कहा, ‘यूरोपीय संघ के लिए अब भय से मुकाबले, साहसी कदम और निर्धारित कदम उठाने का समय आ गया है।’ यूरोप की ओर से मदद की अपील पर आस्ट्रेलिया ने कहा कि वह संघर्ष प्रभावित सीरिया और इराक से 12000 शरणार्थियों को ले सकता है। इसके साथ ही कई दक्षिण अमेरिकी देश भी मदद करने को सहमत हुए हैं।