मामला 1991 में उस वक्त शुरू हुआ जब अमेरिकन पुलिस ने फिलाडेल्फिया में हुई एक हत्या के आरोप में अश्वेत व्यक्ति चेस्टर हॉलमैन को जेल में बंद कर दिया. करीब 28 साल बाद जांच में ये खुलासा हुआ कि केस का अहम गवाह झूठ बोल रहा था. इसके बाद प्रशासन ने उसे 71.6 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
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वॉशिंग्टन: एक बेकसूर शख्स को जेल में रखना सरकार को कितना भारी पड़ सकता है, इसका एक चौंकाने वाला मामला अमेरिका (America) से सामने आया है. यहां हत्या (Murder) के मामले में एक व्यक्ति को 28 साल तक जेल में रखा गया, लेकिन बाद में पता चला कि उसने वह अपराध किया ही नहीं था. अब सरकार पर करीब 72 करोड़ रुपये पीड़ित शख्स को हर्जाने के तौर पर देने पड़े हैं.
ये मामला 1991 में उस वक्त शुरू हुआ जब अमेरिकन पुलिस (American Police) ने फिलाडेल्फिया (Philadelphia) में हुई एक हत्या के आरोप में अश्वेत व्यक्ति चेस्टर हॉलमैन को जेल में बंद कर दिया. इस केस की जांच 28 साल यानी 2019 तक चली. जब जांच पूरी हुई तो पता चला है कि केस का अहम गवाह झूठ बोल रहा था. जिसके चलते चेस्टर को लंबे समय तक सलाखों के पीछे रहना पड़ा, जबकि उसने अपराध किया ही नहीं था.
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जेल से बाहर आने के बाद चेस्टर ने राज्स सरकार पर गलत सजा दिए जाने के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया. जिसके बाद बुधवार को फिलाडेल्फिया प्रशासन ने इस पर कार्रवाई करते हुए मुआवजे का ऐलान किया. जिसमें उसे 71.6 करोड़ रुपये दिए गए हैं. हालांकि करोड़ों रुपये का हर्जाना देने के बाद भी राज्य सरकार ने अपनी या अपने किसी कर्मचारी की इस केस में गलती स्वीकार नहीं की है. ये मामला दोनों पक्षों के समझौते के साथ खत्म हुआ है.
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इसे मामले को लेकर फिलाडेल्फिया के मेयर जिम केन्नी ने कहा है कि किसी की आजादी की कोई कीमत नहीं हो सकती है. वहीं चेस्टर ने कहा है कि 28 साल के बाद आजादी मिलने का अनुभव कड़वा भी है और सुखद भी है. चेस्टर ने कहा कि वे अकेले ऐसे हैं, बल्कि कई लोग दशकों तक जेल में बंद रहते हैं और सच को सामने लाने के लिए लड़ाई लड़ते रहते हैं.
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