US Presidential Election 2024: पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस साल होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन टिकट के सबसे संभावित उम्मीदवार हैं. उन्हें आयोवा और न्यू हैम्पशायर में रिपब्लिकन प्राइमरी जीत हासिल हुई है.
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India-US Relations: डोनाल्ड ट्रंप के सीनियर एडवाइजर काश पटेल का कहना है कि ट्रंप और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच एक आपसी सम्मान का रिश्ता था और दोनों नेताओं ने अपने-अपने देशों की भलाई के लिए काम किया. उन्होंने आरोप लगाया कि बाइडेन प्रशासन ने पीएम मोदी को वैसा प्रशासन नहीं दिया जैसा उन्हें मिलना चाहिए था.
बता दें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस साल होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन टिकट के सबसे संभावित उम्मीदवार हैं. उन्हें आयोवा और न्यू हैम्पशायर में रिपब्लिकन प्राइमरी जीत हासिल हुई है.
हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में पटेल ने ट्रंप और मोदी के रिश्तों के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा, 'यह अत्यंत विस्तृत स्तर पर गहरे आपसी सम्मान और जुड़ाव का रिश्ता था. उन्होंने अपने देशों की भलाई के लिए मिलकर काम किया. और जिन दो चीजों का वे सबसे अधिक मुकाबला करना चाहते थे, वह थी सीसीपी और उसका खतरा, (खासकर भारत के साथ सीमा पर) और आतंकवाद. दोनों का संबंध मेरे द्वारा अब तक देखे गए सबसे अच्छे रिश्तों में से एक था. और इसके अलावा आर्थिक संबंध भी हैं. राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी ने व्यापार को तेजी से बढ़ाने का वादा किया. मुझे लगता है कि यह काफी सफल रहा.'
बाइडेन प्रशासन पर साधा निशाना
पटेल ने एक सवाल के जवाब में काश पटेल ने बाइडेन पर प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि इस प्रशासन ने पीएम मोदी और भारतीय शासन के साथ ट्रंप जैसा सम्मान नहीं दिया. बाइडेन ने मोदी के साथ ट्रंप वाले रिश्ते को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया.
काश पटेल ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि जब पीएम मोदी इस समारोह में शामिल हुए तो वाशिंगटन के सभी अखबारों ने केवल पिछले 50 वर्षों के इतिहास को कवर किया. वे पिछले 500 वर्षों को भूल गए. वहां (अयोध्या) में सन1500 में हिंदू धर्म के सर्वोत्कृष्ट देवताओं में से एक का मंदिर था जिसे गिरा दिया गया, और वे 500 वर्षों से इसे वापस पाने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन वाशिंगटन प्रतिष्ठान इतिहास के उस हिस्से को भूल गया जिसे मैं एक दुष्प्रचार अभियान मानता हूं.
कौन हैं काश पटेल?
भारतीय अमेरिकी काश पटेल पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार हैं. पटेल ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और अन्य सरकारी एजेंसियों में वरिष्ठ पदों पर काम किया है. वह ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान रक्षा विभाग के चीफ ऑफ स्टाफ भी रह चुके हैं. उन्होंने 2020 में ट्रंप के साथ भारत की यात्रा भी की थी.
भारतीय अमेरिकी काश पटेल पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार हैं. पटेल ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और अन्य सरकारी एजेंसियों में वरिष्ठ पदों पर काम किया है. वह ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान रक्षा विभाग के चीफ ऑफ स्टाफ भी रह चुके हैं. उन्होंने 2020 में ट्रंप के साथ भारत की यात्रा भी की थी. उनके माता-पिता की जड़ें गुजरात से जुड़ी हैं और वे युगांडा में ईदी अमीन के शासन के दौरान पूर्वी अफ्रीका से अमेरिका चले गए थे.