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मॉस्को: अमेरिका और रूस (America and Russia) के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. दोनों प्रतिबंधों के जरिए एक-दूसरे के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. पहले अमेरिका ने रूस के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाते हुए 10 राजनयिकों (Diplomats) को निष्कासित किया था. अब रूस ने इसका करारा जवाब दिया है. मॉस्को ने आठ बड़े अमेरिकी अधिकारियों पर बैन लगा दिया है, जिसमें एफबीआई (FBI) डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे (Christopher Wray) भी शामिल हैं. इन अधिकारियों को रूस में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, रूस के विदेश मंत्रालय (Russian Foreign Ministry) ने एक बयान जारी करके कहा है कि अमेरिका के आठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया गया है. जिसमें अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड (Merrick Garland), अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के चीफ डोमेस्टिक पॉलिसी एडवाइजर सुसान राइस (Susan Rice) और एफबीआई प्रमुख क्रिस्टोफर रे शामिल हैं. इसके अलावा, होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी एलेजांद्रो मयोरकास (Alejandro Mayorkas), नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर एवरिल हैनेस (Avril Haines), फेडरल ब्यूरो ऑफ प्रिजन के डायरेक्टर माइकल कार्वाजल (Michael Carvajal) , डोनाल्ड ट्रंप के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जॉन बोल्टन (John Bolton) और सीआईए के पूर्व चीफ जेम्स वूल्सी (James Woolsey) को भी प्रतिबंधित लोगों की सूची में रखा गया है.
रूस ने विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergei Lavrov) ने कहा कि हमने केवल अमेरिका की कार्रवाई का जवाब दिया है. हम रूस में मौजूद अमेरिका के 10 राजनयिकों को भी देश छोड़ने के लिए कहेंगे. उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के शीर्ष विदेश नीति सलाहकार Yury Ushakov ने सलाह दी है कि अमेरिकी दूत जॉन सुलिवन को तुरंत वॉशिंगटन भेजा जाए, ताकि वे मॉस्को के रुख से अमेरिका को अवगत करा सकें. इससे पहले, अमेरिका ने पिछले साल के राष्ट्रपति चुनाव में दखलअंदाजी करने और अमेरिकी संघीय एजेंसियों (US Federal Agencies) में सेंधमारी करने के लिए रूस (Russia) को जिम्मेदार ठहराते हुए उसके 10 राजनयिकों को निष्कासित किया था. साथ ही 30 से अधिक लोगों एवं प्रमुख वित्तीय संस्थानों पर प्रतिबंध भी लगाए थे.
अमेरिका और रूस के बीच वैसे तो कई मुद्दों को लेकर तनाव है, लेकिन ताजा विवाद की वजह है यूक्रेन. रूस ने यूक्रेन की सीमा पर बड़ी संख्या में अपने सैनिकों की तैनाती की है. विशेषज्ञों का कहना है कि रूस जंग की तैयारी कर रहा है. वह अब तक सैकड़ों तोप, टैंक और यहां तक कि एस-400 मिसाइल सिस्टम भी बॉर्डर पर भेज चुका है. अमेरिका सहित कई देशों ने इस पर ऐतराज जताया है. अमेरिका ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यदि रूस उकसावे वाले कार्रवाई करता है, तो उसे अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए. इसी को लेकर दोनों देश आमने-सामने आ गए हैं. बता दें कि अमेरिका और यूक्रेन के बीच नजदीकियां बढ़ गई हैं, जो रूस को रास नहीं आ रहीं हैं.
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